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    नोटबंदी से हैं परेशान तो अपनाइए यूपीआइ, कैसे करना है पेमेंट, जानिए

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 01 Dec 2016 03:03 PM (IST)

    नोटबंदी की वजह से अगर आप परेशान हैं तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। यूपीआइ के जरिए अाप भुगतान करे के साथ ही आप मनी ट्रांसफर भी आसानी से कर सकते हैं।

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    पटना [दिलीप ओझा]। इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भुगतान की व्यवस्था तो पहले भी थी, लेकिन अब इस कड़ी में सबसे आधुनिक माध्यम उपलब्ध हो गया है। इसका नाम यूनिवर्सल पेमेंट इंटरफेस (यूपीआइ) है। बिना किसी शुल्क के इसके जरिये कहीं से भुगतान के साथ-साथ राशि भी मंगाई जा सकती है।

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    पूर्व के विकल्पों की अपेक्षा इसमें अधिक सहूलियत है। इसकी जानकारी मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक (बिहार-झारखंड) मनोज कुमार वर्मा ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में दी।

    इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट का आधुनिक माध्यम

    नोटबंदी के बाद कैशलेस की राह पर समाज बढ़ रहा है। इसके लिए नई तकनीक भी विकसित हो रही हैं। नई सुविधा यूपीआइ के जरिये मिली है। यह एक साफ्टवेयर एप है। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइ) ने विकसित किया है। 20 से अधिक बैंकों की वेबसाइट पर यह उपलब्ध हो चुका है।

    कैसे करें इस्तेमाल

    उपभोक्ताओं को अपने मोबाइल पर इस एप को डाउनलोड करना है। ई-मेल की तरह ही अपना एक फाइनेंसियल एड्रेस बनाना है। उन्होंने बताया कि अब चूंकि बैंक के सभी खातों में मोबाइल फोन रजिस्टर्ड है, इसलिए यह एप ट्रांजेक्शन के लिए तैयार हो जाता है। जिस व्यक्ति को पैसा देना है, उसका फाइनेंसियल एड्रेस एप में भर दें। इसके बाद जितनी राशि भेजनी है, उसका उल्लेख करना होगा। इसके बाद समीट करना है। बिना देर यह राशि संबंधित खाते में चली जाएगी।

    पूर्व की प्रक्रिया की अपेक्षा राहत

    फिलहाल रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट (आरटीजीएस), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिये भुगतान करने पर संबंधित व्यक्ति के बैंक व ब्रांच का नाम, अकाउंट नंबर, आइएफसीई कोड आदि का ब्योरा देना होता है। यूपीआइ के जरिये भुगतान के लिए यह ब्योरा नहीं देना है।

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    दूसरी राहत समय की है। आरटीजीएस और एनईएफटी की सुविधा बैंक में जाने पर ही मिलती है। बैंक बंद तो सेवा बंद। यूपीआइ की सुविधा घर बैठे 24 घंटे ली जा सकती है। इसके लिए किसी तरह का शुल्क देय नहीं है। राशि भेजने के लिए न्यूनतम और अधिकतम सीमा भी निर्धारित नहीं है।

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    एनईएफटी में भुगतान की अधिकतम सीमा दो लाख रुपये ही है। एमके वर्मा ने कहा कि अगर भुगतान की जगह किसी से पैसा मंगाना है तो संबंधित व्यक्ति को मैसेज भेज कर उससे यूपीआइ के जरिये पैसा मंगाया भी जा सकता है। आरटीजीएस और एनईएफटी में ऐसी व्यवस्था नहीं है। ये माध्यम वन वे है जो सिर्फ भुगतान की सुविधा देते हैं।