नीतीश कुमार से मिले हार्दिक पटेल, शराबबंदी को बताया एतिहासिक कदम
हार्दिक पटेल आज पटना पहुंचे। एयरपोर्ट से हार्दिक सीधे सीएम आवास पहुंचे, वहां मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्होंने उन्हें किसान सभा में गुजरात आने का निमंत्रण दिया ।
पटना [जेएनएन]। पटेलनव निर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक पटेल आज पटना पहुंचे। पटना पहुंचते ही हार्दिक पटेल सीएम आवास गए। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें 28 दिसंबर को गुजरात में आयोजित किसान सम्नमेलन में आने का निमंत्रण दिया जिसे सीएम ने स्वीकार कर लिया है।
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद हार्दिक पटेल ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी का कानून लागू है जो मुख्यमंत्री के द्वारा उठाया गया एक एतिहासिक कदम है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि शराबबंदी कर उन्होंने राज्य में सामाजिक परिवर्तन किया है। बिहार की जनता आज काफी खुश है। लोगों में खुशहाली और प्रेम का माहौल देखने को मिल रहा है।
राज्य सरकार की तरफ से हार्दिक पटेल के लिए वीआइपी इंतजाम किए गए हैं। लाल बत्ती लगी एंबेसडर गाड़ी से हार्दिक सीएम आवास पहुंचे। उनके साथ जदयू के महासचिव केसी त्यागी भी मौजूद रहे।
हार्दिक पटेल के पटना एयरपोर्ट पहुंचने के बाद उनके समर्थकों और मीडियाकर्मियों के बीच तीखी नोंक-झोंक हो गई । हार्दिक पटेल के समर्थकों ने एयरपोर्ट पर मीडिया कर्मियों से हाथापाई की और मीडिया कर्मियों का कैमरा तोड़ने का प्रयास किया।
एयरपोर्ट पर पटेल नव निर्माण सेना के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन पटेल के साथ उनके समर्थक भी मौजूद थे। सीएम से मुलाकात के बाद हार्दिक पटना में आयोजित पटेल नव निर्माण सेना के एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
दोनोें नेताओं की बढ़ी नजदीकी
बीजेपी के संग बढ़ती नजदीकियों की अफवाहों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही गुजरात में एक रैली करने वाले हैं। नीतीश कुमार अगले महीने हार्दिक पटेल की अखिल भारतीय पटेल नवनिर्माण सेना के साथ गुजरात में कई संयुक्त रैलियां कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार दोनों नेता मेहसाना, राजकोट और सूरत में होने वाली रैलियों में दोनों नेता केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की विजय रुपानी सरकार को चुनौती देंगे।
हार्दिक पटेल हाई कोर्ट के आदेश पर 17 जुलाई उदयपुर चले गए थे। अदालत ने उन्हें छह महीने गुजरात से बाहर रहने का आदेश दिया था। जनवरी में हार्दिक के राज्य से बाहर छह महीने पूरे हो जाएंगे। माना जा रहा है कि उसके बाद हार्दिक राज्य में जोरदार वापसी करेंगे।
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सूत्रों के अनुसार आरक्षण का लाभ नहीं पाने वाले अति-पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के नेताओं और दलित नेताओं को एकजुट करने की कोशिश की जा रही है ताकि गुजरात में बीजेपी का एक भरोसेमंद विकल्प तैयार किया जा सके। उना आंदोलन के बाद दलित नेता बनकर उभरे राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के जिग्नेश मेवानी उदयपुर में हार्दिक से मिले थे।
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जद(यू) के एक नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव या मायावती गैर-बीजेपी नेतृत्व का चेहरा बन सकते हैं, नीतीश-हार्दिक गुजरात में दलित-पटेल-मुस्लिम मोर्चे का चेहरा बन सकते हैं। नीतीश इस एकता के सूत्रधार हो सकते हैं। नीतीश के लिए गुजरात उत्तर प्रदेश से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इससे नीतीश के बीजेपी के करीब आने की अफवाहें भी खत्म हो जाएंगी।”
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