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    अवध विवि का गोरखधंधा, एक साल में ही दे दी एमए की डिग्री...होगी जांच

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Tue, 14 Jun 2016 06:49 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के अवध विश्वविद्यालय ने सालों पहले 15 साल की बच्ची को एमए की डिग्री दे दी थी और डिग्री पानेवाली हैं जदयू की पूर्व एमएलए रहीं डॉ.ऊषा सिन्हा, अब डिग्री की जांच होगी।

    पटना [जेएनएन]। यह देश का अनोखा विश्वविद्यालय है। इसने अपने स्थापना के महज एक साल के अंदर 15 साल की एक बच्ची को एमए की डिग्री दे दी थी। यह उत्तर प्रदेश का अवध विश्वविद्यालय है और डिग्री होल्डर बिहार की पूर्व जदयू एमएलए रहीं डॉ.ऊषा सिन्हा।

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    यह वही विश्वविद्यालय है जो दिल्ली सरकार के मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी बीएससी डिग्री को लेकर विवादों में रहा था। मामले की जानकारी मिलने पर विवि प्रशासन डिग्री की जांच कराने पर विचार कर रहा है।

    पूर्व विधायक डा.ऊषा सिन्हा बिहार के रिजल्ट घोटाले की सह आरोपी और बिहार बोर्ड के विवादित पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह की पत्नी हैं। पूर्व विधायक ने 2010 में नालंदा की हिलसा विधानसभा सीट से उम्मीदवारी के दौरान जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें उन्होंने अपनी एमए की डिग्री वर्ष 1976 की दर्शाई है।

    अवध विवि की स्थापना 1975 में हुई थी। शुरू में यह विवि फैजाबाद शहर के अंगूरीबाग मोहल्ले में एक कमरे में संचालित होता था। बाद में वह आचार्य नगर, नाका के एक भवन में स्थानांतरित हुआ। मगर सवाल यह है कि कोई विवि अपनी स्थापना के एक साल बाद ही किसी छात्र को कैसे मास्टर की डिग्री प्रदान कर सकता है? जबकि एमए या मास्टर डिग्री का अन्य कोई भी विषय दो साल का होता है।

    जहां तक फर्जीवाड़े की बात है, अवध विवि इसे लेकर पहले भी चर्चित रह चुका है। 2015 में दिल्ली में आप की सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की बीएससी की डिग्री फर्जी पाई गई थी। इसे उन्होंने अवध विवि से संबद्ध अयोध्या के साकेत महाविद्यालय से प्राप्त की थी। दिल्ली पुलिस की टीम उनके साथ अवध विवि से लेकर भागलपुर तक गई जहां से उन्होंने एलएलबी की डिग्र्री पाई थी। दोनों डिग्र्रियां फर्जी मिलीं तो तोमर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था।

    महज एक साल में एमए की डिग्री का मामला संज्ञान में लाए जाने पर राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद के कुलसचिव डा.संजय कुमार मल्ल ने कहा कि शिकायत मिली या फिर पुलिस की ओर से ऐसा मामला संज्ञान में लाया जाता है तो डॉ.ऊषा सिन्हा की डिग्री की जांच कराई जाएगी।