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    बौद्धिक सम्पदा अधिकार का उपयोग करेंउद्यमी

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    Updated: Sat, 10 Oct 2015 01:20 AM (IST)

    पटना। जमीन हो या मकान, अगर वह किसी के नाम से नहीं है, तो उसकी कोई पहचान नहीं है। ब

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    पटना। जमीन हो या मकान, अगर वह किसी के नाम से नहीं है, तो उसकी कोई पहचान नहीं है। बौद्धिक संपदा का भी यही हाल है। यदि आप इसे कागजी कार्रवाई के जरिए पहचान नहीं देते तो इस संपदा की न तो पहचान बनेगी, न ही वह प्रतिस्पर्धा में टिक सकेगा। व्यावसायिक रणनीतियों को सुरक्षित रखने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों का उपयोग बेहद जरूरी है। ये बातें शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास संस्थान (एमएसएमई) के निदेशक आरपी वैश्य ने बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन में कहीं। वे एमएसएमई की ओर से आयोजित बौद्धिक संपदा अधिकार जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

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    इनोवेशन का करा लें पेटेंट

    वैश्य ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत उद्यमी ट्रेड मार्क, कॉपी राइट, पेटेंट, जीआइ रजिस्ट्रेशन आदि का लाभ ले सकते हैं। सरकार इसके लाभ उठाने वालों को सहयोग भी करती है। पेटेंट एंड ट्रेड मार्क ऑथरिटी के आरपी यादव ने कहा कि ट्रेड मार्क, कॉपी राइट व पेटेंट रजिस्ट्रेशन रहने पर कानूनी विवाद सुलझाने में सहायता मिलती है। कोई भी इनोवेशन आप करते हैं, उसका पेटेंट करा लें। एमएसएमई के पूर्व निदेशक डीके सिंह ने कहा कि आइडिया बुद्धि की उपज होती है, यह हमारी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी है। और इसका निबंधन भी हमारे नाम से होना चाहिए। बीआइए के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि बौद्धिक संपदा का ही दुनिया में बोलबाला है। इसलिए इसको सुरक्षित रखना भी जरूरी है। जागरूकता कार्यक्रम को सहायक निदेशक रमेश कुमार, अजीत कुमार, संजीव वर्मा ने भी संबोधित किया।