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    फिर हिला बिहार, गई 42 की जान

    By pradeep Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 13 May 2015 12:25 AM (IST)

    बिहार में मंगलवार को डेढ़ घंटे के बीच भूकंप के सात झटके महसूस किए गए। पहले दो झटके सबसे तेज थे। जान-माल को नुकसान उन दो झटकों के दौरान ही हुआ। 'दैनिक जागरण' के सूत्रों के मुताबिक 42 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों घायल हुए हैं।

    जागरण टीम, पटना। बिहार में मंगलवार को डेढ़ घंटे के बीच भूकंप के सात झटके महसूस किए गए। पहले दो झटके सबसे तेज थे। जान-माल को नुकसान उन दो झटकों के दौरान ही हुआ। 'दैनिक जागरण' के सूत्रों के मुताबिक 42 लोगों की मौत हुई है और दर्जनों घायल हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग 13 लोगों की मौत और 24 के घायल होने की पुष्टि कर रहा है। भूकंप के झटकों की पुन: आशंका के मद्देनजर पूरे प्रदेश में 24 घंटे के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है।

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    उल्लेखनीय है कि इससे पहले 25 अप्रैल को आए भूकंप के झटकों से राज्य में भारी तबाही मची थी। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक तब 61 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन गैर सरकारी सूत्र मरने वालों की संख्या 130 दर्ज किए थे। सैकड़ों लोग घायल हुए थे।

    बहरहाल प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को कह दिया गया है कि वे रात में पार्कों में शरण लेने वाले लोगों का ख्याल रखें। सभी प्रमुख पार्कों एवं मैदानों में सुरक्षा, प्रकाश और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है। आपदा के मद्देनजर बुधवार से राज्य के प्लस-टू तक के सभी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी घोषित कर दी गई है। राज्य सरकार की ओर से आश्रितों को बतौर अनुग्रह राशि चार-चार लाख रुपये दिए जा रहे हैं।

    दोपहर 12:38 बजे से शुरू हुए भूकंप के झटकों से पूरे राज्य में अफरा-तफरी मच गई। लगातार आए झटकों से कई घर ढह गए। मृतकों और घायलों की संख्या में बढ़ोतरी की आशंका है। भूकंप का केंद्र नेपाल के कोडारी से 22 किमी दक्षिण-पूर्व में था। कोडारी बिहार के सीतामढ़ी जिला से 200 किमी उत्तर में है। उसके बाद तीन घंटे के अंदर एक के बाद एक सात झटके आए, हालांकि उनकी तीव्रता ज्यादा नहीं थी। दोपहर 01:06 मिनट पर आए ऑफ्टरशॉक की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 मापी गई। झटके महसूस होते ही लोग बच्चों के साथ सड़कों पर निकल आए। विद्यालयों में भी बच्चों को सुरक्षित खुले स्थानों पर ले आया गया। खगडिय़ा में भूकंप के झटके से एक मंदिर में दरारें आ गई हैं तथा दो मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। दुर्गावती जलाशय परियोजना के कार्य प्रमंडल कार्यालय की छत गिर गई। नालंदा के राजगीर में ब्रह्मकुंड का पानी फिर लाल हो गया।

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    आपदा प्रबंधन विभाग का ब्योरा : आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक घायलों में सबसे ज्यादा पूर्वी चंपारण में 11, गोपालगंज में तीन, कटिहार, पटना और मुंगेर में दो-दो लोग शामिल हैं। इसी तरह वैशाली और सिवान में एक-एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना है। मकान, पशु एवं अन्य तरह की क्षति का आकलन किया जा रहा है।

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    बिहार में लगेंगे सिसमोग्राफ : पटना में मौसम विभाग के निदेशक एके सेन ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से पूरे बिहार में 10 सिसमोग्राफ लगाए जाने हैं। नए सिसमोग्राफ से बिहार के सेसमिक जोन का पता लगाया जाएगा। अभी जो जोन निर्धारित हैं, वे काफी पुराने डाटा पर आधारित हैं। सिसमोग्राफ बेहद संवेदनशील यंत्र होता है। दुनिया में कहीं भी न्यूक्लियर टेस्ट किया जाए या भूकंप आए तो सिसमोग्राफ से इसका पता तुरंत चल जाता है।

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    'दैनिक जागरण' के मुताबिक जिलेवार मृतकों की संख्या

    सीतामढ़ी : 08

    पूर्वी चंपारण : 05

    दरभंगा : 07

    पटना : 03

    सारण : 03

    मधेपुरा : 02

    समस्तीपुर : 02

    पश्चिमी चंपारण : 01

    सिवान : 02

    गोपालगंज : 02

    नवादा : 01

    औरंगाबाद : 01

    हाजीपुर : 01

    शेखपुरा : 01

    कटिहार : 01

    अररिया : 01

    मुजफ्फरपुर : 01

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    आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक जिलेवार मृतकों की संख्या :

    पटना : 03

    पूर्णिया : 02

    दरभंगा : 02

    पूर्वी चंपारण : 03

    सीतामढ़ी : 01

    सिवान : 01

    सहरसा : 01

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    12 मई को बिहार में भूकंप के सात झटकों की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता

    7.3

    5.4

    6.3

    5.0

    4.8

    5.0

    4.2