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    अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त हुए डॉक्टर दंपती

    By pradeep Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 07 May 2015 11:32 AM (IST)

    गया के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. पंकज कुमार गुप्ता और उनकी पत्नी शुभ्रा गुप्ता की रिहाई में अपहर्ता गिरोह पर बिहार पुलिस की दबिश कामयाब रही। ...और पढ़ें

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    पटना। गया के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. पंकज कुमार गुप्ता और उनकी पत्नी शुभ्रा गुप्ता की रिहाई में अपहर्ता गिरोह पर बिहार पुलिस की दबिश कामयाब रही। अपहर्ताओं ने डॉ. गुप्ता और उनकी पत्नी को बुधवार के तड़के ही लखनऊ रेलवे स्टेशन पर गया आने वाली एक ट्रेन में बिठा दिया। दोनों दोपहर दो बजे गया स्थित अपने घर पहुंच गए। इस कांड को अंजाम देने वाले गिरोह के सरगना अजय सिंह के साथ-साथ पुलिस ने लखनऊ से कुल नौ अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया है। फिलहाल सभी से लखनऊ में ही उत्तर प्रदेश और बिहार पुलिस पूछताछ कर रही है।

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    डीजीपी पीके ठाकुर ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इस हाईप्रोफाइल अपहरण कांड की पूरी कहानी बताते हुए कहा कि इसके सफल अनुसंधान में हमें उत्तर प्रदेश पुलिस और वहां की सरकार का भरपूर सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी अपराधियों का यहां स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा और इस मामले को अंतिम अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

    डीजीपी ने कहा कि अपहरण को अंजाम देने वाले गिरोह ने कितने शातिराना अंदाज में इस कांड को अंजाम दिया था, इसका अंदाजा लखनऊ के गोमती नगर स्थित शारदा अपार्टमेंट के फ्लैट की तलाशी में बरामद सामानों से लगाया जा सकता है। इस फ्लैट से पुलिस ने बिहार और झारखंड पुलिस की वर्दी के साथ-साथ कमांडो की वर्दी भी बरामद की है। इस फ्लैट से पुलिस ने डॉक्टर दंपती की ऑडी कार के अलावा दो अन्य लग्जरी वाहन बरामद किए हैं। इसमें वह फाच्र्यूनर कार भी शामिल है, जो पिछले जनवरी माह में रोहतास के पत्थर व्यवसायी और उसके दो अन्य साथियों से छीनी गई थी। इसके अलावा एक इनोवा कार भी बरामद हुई है।

    किसी बडे वीआइपी की तरह किया बाराचट्टी से लखनऊ तक की सफर : डीजीपी ने कहा कि गोमती नगर के फ्लैट की तलाशी में पुलिस ने वीआइपी कारों में लगने वाली लाल, पीली और नीली बत्ती के साथ-साथ राज्यपाल की कार में नंबर प्लेट की जगह लगाए जाने वाले अशोक स्तंभ वाला नंबर प्लेट और हाइकोर्ट जज लिखा नंबर प्लेट भी बरामद किया है। इस फ्लैट से पुलिस ने एक विदेशी पिस्टल भी जब्त किया है। पुलिस ने डॉ. गुप्ता की पत्नी का पर्स और गले की चेन भी बरामद कर ली। ठाकुर ने कहा कि इस संबंध में अभी लखनऊ में छापेमारी जारी है।

    मुठभेड की संभावनाओं को टालती रही पुलिस : रिहाई के घटनाक्रम के बारे में बताते हुए ठाकुर ने कहा कि हमें कल रात ही पता चल चुका था कि डॉक्टर दंपती गोमती नगर के शारदा अपार्टमेंट के फ्लैट में हैं। लेकिन हमारे समक्ष चुनौती थी कि सभी फ्लैटों की तलाशी कैसे ली जाए? इसके लिए पुलिस ने प्रोपर्टी डीलर के वेश में अपार्टमेंट में प्रवेश किया। अपार्टमेंट को यूपी एसटीएफ और बिहार व यूपी पुलिस के जवानों ने घेर रखा था। हमने यहां ऑडी समेत एक फाच्र्यूनर कार और एक इनोवा कार लगी देखी। लेकिन पुलिस यहां शक्ति प्रयोग करने की स्थिति में नहीं थी। क्योंकि अगर मुठभेड़ होता तो डॉक्टर दंपती को नुकसान हो सकता था। ठाकुर ने कहा कि हमारी प्राथमिकता उनकी सकुशल रिहाई थी। सुबह जब अपहर्ता दोनों को लखनऊ रेलवे स्टेशन ले जा रहे थे तब भी यूपी एसटीएफ की टीम उनके पीछे थी। लेकिन पुलिस ने उनके काम में किसी तरह की रुकावट पैदा नहीं की। जब वे दोनों को स्टेशन छोड़कर लौटे तब अपार्टमेंट के बाहर मोर्चा संभाल रहे पुलिस और एसटीएफ की टीम ने फ्लैट में प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि रिहाई में पुलिस का सर्विलांस इतना पुख्ता था कि उनकी हर गतिविधि पर नजदीकी नजर रखी जा रही थी।

    काफी शातिर है अजय सिंह का गिरोह : डीजीपी ने बताया कि यह गिरोह इतना शातिर है कि इसने इस अपहरण कांड को अंजाम देने से पहले पूरी तैयारी कर रखी थी। ऑडी कार के ऊपर लाल बत्ती लगाकर उसे पीली व नीली बत्ती के दो वाहनों से कुछ इस तरह स्कार्ट किया गया कि मानो ऑडी में कोई बड़ा वीआइपी बैठा हो। यही कारण है कि बाराचट्टी के बाद जीटी रोड के किसी भी चेकपोस्ट और नाके पर पुलिस वालों ने इस वाहन की तलाशी तक नहीं ली। डॉक्टर दंपती को अपहर्ता जीटी रोड से औरंगाबाद, सासाराम, मोहनियां, बनारस, जॉनपुर और सुल्तानपुर के रास्ते लेकर लखनऊ पहुंचे थे।

    मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव से की थी बात : डीजीपी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले तीन दिनों से खुद इस अपहरण कांड की पल-पल की जानकारी ले रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें जैसे ही पता चला कि डॉक्टर दंपती को उत्तर प्रदेश की तरफ ले जाया गया है, मैंने उत्तर प्रदेश के डीजीपी से बात की। फिर मुख्यमंत्री ने खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की। दोनों ही राज्यों की सरकारों और पुलिस ने मिलकर इस कांड का उदभेदन किया है।

    बिहार पुलिस किसी भी राज्य की पुलिस से कम नहीं : डीजीपी ने इस कांड में उद्भेदन में शामिल सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमने साबित कर दिया है कि बिहार पुलिस और उसकी एसटीएफ देश के किसी भी राज्य की पुलिस से पीछे नहीं है।