सीएम नीतीश ने कहा- जिन्हें गांधी के विचारों से लेना देना नहीं, वो भी करेंगे कार्यक्रम
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज के समय में गांधी जी के आदर्शों को आत्मसात करने की जरूरत है। ...और पढ़ें

पटना [जेएनएन]। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गांधी जी को केवल नोटों में छाप देने से कुछ होने वाला नहीं है, आज जरूरी है उनके सिद्धांतों, उनके विचारों को आत्मसात करने की।
उन्होंने कहा कि हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत गांधी जी का विचार है और हम न्याय के साथ विकास की बात कहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार से शुरू हुए चंपारण सत्याग्रह के मात्र तीस वर्षाें के बाद देश काे आजादी मिल गयी थी। नीतीश कुमार ने कहा कि आज हर तरफ कुतर्क गढे जा रहे चाराे तरफ एकतरफा संवाद चल रहा है।
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चंपारण से ही गांधी जी ने अपने सत्याग्रह आंदोलन की शुरूआत की थी और आज इसके सौ साल पूरे होने पर हम शताब्दी वर्ष मना रहे हैं। अभी के वक्त में गांधी जी के विचाराें को अमल में लाने की जरूरत है। इस बात पर हम विमर्श करेंगे और इसमें सिर्फ राजनीतिक बात ही नहीं, पर्यावरण पर भी बात होनी चाहिए।
नीतीश कुमार ने कहा कि गांधी जी के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया जाना चाहिए। गांधीजी को जिन चीजों से लगाव था, वो जैसा चाहते थे कि एक अच्छे समाज का निर्माण हो, लोग शराब से दूर रहें, सामाजिक बुराइयां दूर हों, हमने उनके आदर्शों में से एक आदर्श को समाज में फैली बुराई- शराब को समाज से दूर करने का संकल्प लिया और शराबबंदी करा दी।
अब पूरी तरह से नशाबंदी दूसरा कदम होगा, समाज को नशे से दूर करने के अलावे दहेज और बाल-विवाह जैसी सामाजिक समस्या से भी समाज को मुक्ति दिलाने का प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग गांधी जी की विचारधारा से मतलब नहीं रखते हैं वो भी देखिएगा एक दिन स्मृति यात्रा निकालेंगे। गांधी जी का जिन चीजाें से मतलब नहीं उन्हीं जगहाें पर गांधी जी काे बिठा दिया गया है।
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अभी देश में जो माहौल चल रहा है, वह ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा। अब देश में एकतरफा संवाद नहीं चलेगा. दाे तरफा संवाद हाेगा। अब इस देश की जनता तय करेगी कि काैन सा रास्ता चलेगा। देश में कौन सा एजेंडा चलेगा वो अब लाेगाें पर छाेड दीजिए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर धर्माधिकारी ने कहा कि शराबबंदी के संकल्प का मैं अभिनंदन करता हूं। देश में कानून का पालन करने वालाें से ज्यादा कानून ताेडने वालाें की संख्या होती जा रही है और आज की सरकार भी इसका चाेर रास्ता निकाल रही है। उन्होंने कहा कि कानून ताेड़ने वालाें की भी प्रतिष्ठा बढ रही है। आज रामम की कमाई और हराम की कमाई समझनी हाेगी।
उन्होंने कहा कि आज हाल यह है कि समाजवाद काे संविधान की सूची से निकाल देना चाहिए, आज कहीं नहीं दिखता समाजवाद। उन्होंने कहा कि जो महात्वाकांक्षी नहीं होता वही समाज को बदलने की कूवत रखता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गाेपाल कृष्ण गांधी ने कहा कि आज देश में प्रकाश में अंधकार दिख रहा है और बिहार का इतिहास रहा है अंधकार में प्रकाश दिखाना। आज देश में हम जुल्म और जबर्दस्ती होता देख रहे हैं।

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