बिहार ने चेतन को दिया जवाब
जिस चेतन भगत ने अपने ताजा उपन्यास ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ में बिहारियों को खराब अंग्रेजी के लिए निशाना बनाया है, उन्हीं बिहारियों ने पुस्तक मेले में उनकी किताब को सबसे अधिक खरीदा।
पटना ( रोशन कुमार राहुल)। जिस चेतन भगत ने अपने ताजा उपन्यास ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ में बिहारियों को खराब अंग्रेजी के लिए निशाना बनाया है, उन्हीं बिहारियों ने पुस्तक मेले में उनकी किताब को सबसे अधिक खरीदा। ये चेतन भगत के उपन्यास के लिए दीवानगी तो थी ही मगर उससे कहीं ज्यादा ये जवाब था कि हम बिहारी अंग्रेजी में इतने भी कमजोर नहीं। हिंदी प्रकाशकों व उपन्यासों से भरे पटना पुस्तक मेले में हाफ गर्लफ्रेंड की 2,500 से अधिक कॉपियां बिकीं। जबकि हिंदी के किसी भी साहित्यकार की कोई कृति 1,000 कॉपी तक भी नहीं पहुंच पाई। ये हाल तब है, जब चेतन भगत का उपन्यास 6 लाख से अधिक कॉपियों के साथ प्री-बुक लांच हुआ है। इसे लांच हुए डेढ़ महीने से ज्यादा हो चुके हैं। और न जाने कितने ही पटना व आसपास के लोगों ने इसे ऑनलाइन या दुकानों से खरीद लिया है।
प्रकाशकों ने भी बेची हाफ गर्लफ्रेंड
चेतन भगत की किताब रूपा पब्लिकेशन से प्रकाशित हुई है, जो मेले में नहीं आई थी। ऐसे में मेले के आए लगभग आधा दर्जन प्रकाशकों ने अपने स्टॉल से हाफ गर्लफ्रेंड किताब बेची। अकेले प्रभात प्रकाशन के स्टॉल पर नॉवेल की 800 से ज्यादा प्रति बिकी है। खास बात यह कि नॉवेल की शीर्षक के अनुरूप लड़कियों ने सबसे ज्यादा इस नॉवेल को पसंद किया। प्रकाशन के सेल्स ऑफिसर अमित शर्मा बताते हैं कि ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ नॉवेल की मांग हर उम्र वर्ग के लोगों के बीच रही। लेकिन कॉलेज जाने वाली लड़के-लड़कियों ने इसे हाथों-हाथ खरीदा। इसके अलावा महावीर पब्लिकेशन के स्टॉल पर हाफ गर्लफ्रेंड की 400 तथा कोरल पब्लिकेशन ने महज दो दिन में 100 से अधिक कॉपियां बेची। कई अन्य प्रकाशकों ने भी सैकड़ों की संख्या में ये किताब बेची। नॉवेल का बिहार कनेक्शन, विवाद और रोचक टाइटल की भी उपन्यास को बेस्ट सेलर बनाने में प्रमुख भूमिका रही।
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