सावधान! पटना के इस अस्पताल में चलता खून का खूनी खेल, जानिए
बिहार के पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रोफेशनल डोनर्स का बड़ा रैकेट काम कर रहा है। इसके गुर्गे खून के खूनी खेल में लगे हुए हैं।
पटना [जेएनएन]। सूबे के दूसरे बड़े नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) में खून का खूनी खेल चल रहा है। इस गंदे खेल में एक गिरोह और उसका तंत्र सक्रिय है। अस्पताल के कुछ कर्मी, सुरक्षा कर्मी तथा वाहनों के चालक गिरोह का साथ दे रहे हैं। इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को है। लेकिन, कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं किया जा रहा।
गिरोह के गुर्गे रक्तदान करने वाले में कमियां गिना कर उन्हें ब्लड देने से डरा देते हंै। रक्तदान के नुकसान गिना कर गुमराह करते हैं। इससे डोनर डर कर भाग जाता है। ऐसे में यहां के ब्लड बैंक में रक्त रहते मरीजों को ङ्क्षजदगी बचाने के लिए रक्त नहीं मिल पा रहा है। खून के इंतजार में कई मरीजों के ऑपरेशन लगातार टलते जा रहे हैं।
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इसका खून के सौदागर भरपूर फायदा उठा रहे हैं। दलाल मरीज के परिजनों को अपने शिकंजे में कस प्रोफेशनल रक्तदाता से खून उपलब्ध करा देते हैं। इससे मोटी कमाई की जा रही है। दोपहर में ओपीडी समाप्त होने के बाद से लेकर देर रात तक खून का यह खूनी खेल चल रहा है।
डर कर भाग खड़ा होता है डोनर
अस्पताल सूत्रों का साफ तौर पर कहना है कि यहां सक्रिय दलालों के कारण ब्लड बैंक की छवि लगातार खराब होती जा रही है। एनएमसीएच आने वाले मरीजों में अधिकांश कम पढ़े-लिखे तथा ग्रामीण क्षेत्र के सीधे-साधे लोग होते हैं। अज्ञानता तथा आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वे आसानी से इस गिरोह के शिकार हो रहे हैं।
भर्ती मरीज के परेशान परिजन जब रक्त लेने के लिए ब्लड बैंक पहुंचते हैं तो रक्त नहीं होने या फिर डोनर लाने की बात कही जाती है। जब परिजन किसी रिश्तेदार या जान-पहचान के व्यक्ति को लेकर रक्तदान के लिए ब्लड बैंक पहुंचता है तब यहां सक्रिय गिरोह से जुड़ा कर्मी डोनर के स्वास्थ्य में कमियां गिना कर उसे अनफिट करार देता है। यहीं से शुरू हो जाता है खून का कारोबार।
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बाजारू डोनर को रिश्तेदार बता कराते रक्तदान
हड्डी रोग विभाग में भर्ती एक बुजुर्ग मरीज के पैर का ऑपरेशन ब्लड न मिलने के कारण टलता जा रहा था। मरीज के परिजन ने बताया कि डोनर लेकर ब्लड बैंक गए तब ब्लड काम नहीं आने की बात कह लौटा दिया गया। जैसे ही वे ब्लड बैंक से बाहर निकले एक दलाल ने कहा कि एक यूनिट खून 3500 रुपये में मिलेंगे।
परिजन ने बताया कि दलाल ने रक्तदान के लिए एक आदमी दिया, जिसे रिश्तेदार बता रक्तदान कराने की हिदायत दी।
प्रोफेशनल डोनर में कई छात्र शामिल
ब्लड बैंक के एक सूत्र ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि प्रोफेशनल डोनरों में अधिकांश छात्रावास में रहने वाले नौजवान छात्र होते हैं। वे अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए खून बेच कर पैसा कमाते हैं। गुलजारबाग स्टेशन, जल्ला रोड, मीनाबाजार, कुम्हरार, गायघाट आदि इलाकों के कुछ लोग भी बाजारू डोनर के रूप में काम करते हैं।
अधीक्षक ने माना, गड़बड़ी है
एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. आनंद प्रसाद ङ्क्षसह ने माना कि ब्लड बैंक से जुड़े कुछ लोगों द्वारा गड़बड़ी की जा रही है। इसमें अस्पताल परिसर के कुछ लोगों की भी संलिप्तता है। हाल ही में ब्लड बैंक के दो कर्मियों का स्थान परिवर्तित किया गया था। गिरोह व दलाल को पकडऩे के लिए कैमरे लगाए जाएंगे।
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विभागाध्यक्ष बोले, रक्त की कोई कमी नहीं
ब्लड बैंक के विभागाध्यक्ष डॉ. सीके नारायण ने कहा कि दोपहर तक पूरी व्यवस्था ठीक चलती है। इसके बाद डॉक्टर तथा टेक्नीशियन की कमी के कारण कुछ गड़बड़ी होने की शिकायतें मिलती रहती हंै। उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक में किसी भी ग्रुप के रक्त की कोई कमी नहीं है। होल्ड ब्लड भी उपलब्ध है। रक्तदान कर मरीज की जरूरत के अनुरूप रक्त यहां से लिया जा सकता है। डोनर के स्वास्थ्य एवं हीमोग्लोबिन की जांच के उपरांत ही उसका ब्लड लिया जाता है।
ब्लड सेपरेटर मशीन की सुविधा उपलब्ध
विभागाध्यक्ष डॉ. सीके नारायण ने कहा कि यहां ब्लड सेपरेटर मशीन भी अच्छी तरह काम कर रही है। रक्तदान से मिलने वाले रक्त के कई सेल को अलग कर अलग-अलग मरीजों के लिए उपयोगी बनाया जाता है। इस मशीन से रक्त के अन्य सेल की बर्बादी नहीं होती है।
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