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    FLASHBACK 2016 : चुनौतियों ने भी कभी डगमगाने नहीं दिए सुशासन के कदम

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 22 Dec 2016 10:26 PM (IST)

    बिहार ने पिछले एक साल में कई चुनौतियां देखी हैं। सभी चुनौतियों पर अपने सुशासन बाबू यानि अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खरा उतरते देखा है। अब बिहार एक नया अध्याय लिखने को तैयार है।

    पटना [काजल]। बिहार के नालंदा जिले के कल्याण बिगहा का 'मुन्ना' जिसने हर क्षेत्र में अपनी विद्वता, बुद्धिमत्ता और धैर्य का परिचय दिया है। पांचवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले नीतीश कुमार को भले ही जिद्दी कहा जाता है, लेकिन राजनेता के रूप में एक बेदाग और साफ-सुथरी छवि वाले और अपने बलबूते अपनी पहचान राष्ट्रीय पटल पर अंकित करने वाले नीतीश कुमार अपने काम के लिए जाने जाते हैं।

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    लालू की सत्ता को हिलाकर रख दिया था नीतीश ने

    बिहार में 15 साल पहले लालू की सरकार को हटाकर सत्ता पर काबिज होना आसान नहीं था, लेकिन नीतीश ने अपनी सधी राजनीति से यह कर दिखाया। न्याय के साथ सुशासन का राज्य स्थापित करने की ओर नीतीश के बढ़े कदमों की वजह से उनके चाहने वालों ने उन्हें 'सुशासन बाबू' का नाम दिया। नीतीश ने भी अपना मूलमंत्र 'न्याय के साथ विकास' को बनाया और उसपर कायम रहे।

    पीएम मोदी और सीएम नीतीश, दो ही नेताओं की होती है तुलना

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश की तुलना और उनका मिलना लोगों की आंखों को सुकून देता है। लोग दोनों दिग्गजों को मिलना देखकर खुश होते हैं और आज अगर पीएम मोदी को कोई टक्कर दे सकता है तो वो नीतीश कुमार ही हैं। राजनीतिक मुद्दे पर दोनों नेताओं की सोच में समानता है, इसलिए इन्हें देखकर लोग प्रतिद्वंद्वी कम दोस्त की हैसियत से ज्यादा देखते हैं।

    दूसरी बात कि अगर आज नीतीश कुमार की छवि अगर प्रधानमंत्री के रूप में देखी जा रही है तो ये उनकी मेहनत लोगों के बीच उनका प्यार, उनका धैर्य और साहस ही है। नीतीश ने कभी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया इसीलिए बिहार के युवा वर्ग के पसंदीदा नेता माने जाते हैं।

    बचपन से ही झगड़ा-फसाद से दूर रहते थे नीतीश

    बचपन से ही झगड़ा-फसाद से दूर रहने वाले नीतीश की सधी हुई बात और आत्मविश्वास आज भी उनकी पहचान है। अपनी बात को सीधे-सादे ढंग में कहने वाले नीतीश कुमार कभी उतावलापन या बड़बोलापन नहीं दिखाते ये उनकी खूबी है जो उन्हें अन्य नेताओं से दूर करती है। नीतीश कुमार जो ठान लेते हैं उसपर अडिग रहते हैं और उसे हर हाल में पूरा करते हैं।

    बिहार में इस बार का गठबंधन है चुनौतियों भरा

    बिहार में इस बार नीतीश कुमार ने जिन पार्टियों से गठबंधन कर सरकार बनाई है कभी राजनीतिक रूप से उनका ही विरोध किया करते थे। एेसे दल से मिलकर सरकार बनाने की सोच ही अपने आप में बड़ी बात थी, लेकिन नीतीश ने उनसे ही गठबंधन किया, जीत हासिल की और सरकार बनाई।

    विरोधी पक्ष इसी फिराक में था कि यह सरकार कितने दिन चलेगी, लेकिन तमाम अफवाहों पर विराम लगाकर तमाम राजनैतिक परेशानियों को सुलझाते हुए उन्हें आज भी नित -नई चुनौतियो का सामना करना पड़ रहा है।

    विरोधियों के निशाने पर हैं नीतीश

    विधानसभा चुनाव से पहले ही जब इस गठबंधन की बात लोगों के बीच पहुंची लोगों ने आश्चर्य जाहिर किया कि लालू के साथ नीतीश....ये सरकार कितने दिनोें तक चलेगी? लेकिन दोनों पार्टियों और तीसरी पार्टी ने अबतक यह साबित कर दिया है कि गठबंधन किया है तो निभाना तो पड़ेगा ही।

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    लोगों का विश्वास है नीतीश में, गठबंधन में

    लालू और नीतीश की दोस्ती और इस गठबंधन को अभी भी विरोधी पक्ष और लोग स्वीकार नहीं कर पा रहे। वजह भी है, राजनीतिक रिश्ते भले ही मजबूत हों लेकिन इस महागठबंधन में विरोध के सुर आए दिन उठते रहते हैं। जहां कुछ लीक हुआ नहीं कि विपक्ष के कान खड़े हो जाते हैं। लोग लालू-नीतीश की बातों पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

    पूरे साल इस महागठबंधन में कुछ-ना-कुछ एेसा होता रहा जिससे जनता का विश्वास डगमगाया लेकिन उन्हें अपने सुशासन बाबू पर पूरा भरोसा था कि वो सब संभाल लेंगे।

    चुनौतियों भरा रहा पूरा साल, कसौटी पर खरे उतरे सीएम

    यह पूरा साल उनके लिए चुनौतियों भरा साल रहा। गठबंधन के नेताओं के बगावती सुर और बिहार की राजनीति में मची हलचल, अपराध की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाना और किसी भी तरह का कोई संकट आया तो उसमें धैर्य रखते हुए उसका सामना करना नीतीश पूरे साल इन सभी कसौटियों पर खड़े उतरे हैं।

    शराबबंदी से बिहार में लौटी खुशहाली

    शराबबंदी जो बिहार के लिए एक बड़ी चुनौती थी, कोर्ट से लेकर सभी पक्ष-विपक्ष एक तरफ और नीतीश का निश्चय दूसरी तरफ, आखिरकार जीत निश्चय की हुई और बहुत बड़ी चुनौती को स्वीकार किया उसे पूरा किया। आज बिहार का हर वो निम्न वर्ग जहां शराब पीकर मार-पीट की घटनाएं होती थीं वहां खुशहाली है।

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    हाइकोर्ट के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

    नीतीश के प्रति बिहार की जनता का जो विश्वास है वो अबतक वैसा ही कायम है जैसा पहले मुख्यमंत्रित्वकाल में था। बिहार में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाना नीतीश के लिए दूसरी बड़ी चुनौती थी। पटना हाईकोर्ट ने कई एेसे फैसले दिए जो अपराधियों के पक्ष में रहे लेकिन नीतीश कुमार ने सभी फैसलों को सुप्रीम कोर्ट भेज दिया और कड़ी चेतावनी देते हुए बार-बार दुहराया कि बिहार में कोई डॉन नही रह सकता। कानून का राज प्राथमिकता है और रहेगा।

    बिहार में अब कोई डॉन नहीं बन सकता है

    नीतीश की इस चेतावनी और कड़े रुख ने बाहुबलियों की कमर तोड़ दी और गठबंधन पर भी इसका असर दिखा। लेकिन इन फैसलों से जनता का विश्वास दुगुना हो गया। फिर गठबंधन में उठते गठबंधन के सुर पर ध्यान ना देते हुए वे आज भी अपने सात निश्चय को पूरा करने का जो लक्ष्य लेकर चले हैं उसे हर हाल में पूरा कर जनता का विश्वास और एक विकसित बिहार के सपने को पूरा करने में सफल होंगे।

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    पार्टी लाइन से बाहर जाकर किया केंद्र का समर्थन

    पार्टी लाइन से बाहर जाकर कई मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार का समर्थन करने पर उन्हें अपने ही गठबंधन के दलों की कड़वाहट झेलनी पड़ी है लेकिन नीतीश ने दो टूक कहकर सबको चुप करा दिया कि देश हित के मुद्दे पर कोई पार्टी पॉलिटिक्स नहीं, किसी को बात बुरी लगे या भली लगे, जिसे जो सोचना हो सोचे लेकिन अगर देश की सेना की बात हो या कालेधन पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी की बात हो समझौता किसी से नहीं और इस विषय पर राजनीति करना जिन्हें पसंद हो करे हमें जो कहना है हम कहेंगे ही।

    बिहार की तरक्की और विकास है नीतीश का ख्वाब

    नीतीश कुमार की यही एक सधी हुई जुबान है जो उन्हें भीड़ से अलग करती है। नीतीश कुमार ने विकासशील बिहार का सपना देखा है इसीलिए विकास पुरुष कहे जाते हैं। उन्होंने सबकुछ छोड़कर केवल बिहार की तरक्की का ख्वाब देखा है और उनका यह सपना एक दिन पूरा होगा।

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    बिहार फिर से अपनी पुरानी पहचान हासिल करने को अग्रसर

    बिहार का युवा, बिहार का महिला वर्ग जिसमें नीतीश कुमार ने नवशक्ति का संचार किया है साइकिल पर बैठाकर नये सपने दिखाए हैं वो पूरे होंगे। बिहार की राजनीति जो डरावनी और खून-खराबे के लिए जानी जाती थी अब वो राजनीति एक नए रूप में उभरकर सबके सामने आने वाली है। युवा बिहार अब जगमगता बिहार बनकर राष्ट्र के पटल पर ही नही्ं अपितु पूरी दुनिया में अपनी चमक बिखेरने को तैयार है।

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