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    बिहार सरकार की लिफ्ट में आधे घंटे तक फंसे रहे शाह

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Fri, 21 Aug 2015 07:40 PM (IST)

    भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह गुरुवार की रात पटना में बुरे फंसे। राजधानी के स्‍टेट गेस्‍ट हाउस में वे लिफ्ट में 40 मिनट तक फंसे रह गए। इस बीच बाहर अफरा-तफरी ...और पढ़ें

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    पटना। गुरुवार की देर रात राजकीय अतिथिशाला (स्टेट गेस्ट हाऊस) की लिफ्ट में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अपने चार सहयोगियों के साथ तकरीबन आधे घंटे तक फंसे रहे। आधा घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों ने लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।

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    मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने इस घटना को तकनीकी खराबी का परिणाम बताया है। साथ ही यह भी कहा कि लिफ्ट में क्षमता से अधिक लोग सवार थे, इसीलिए वह फंस गई।

    अमित शाह गुरुवार को 'जागरण समूह' द्वारा आयोजित फोरम में भाग लेने पटना आए थे। रात में एक होटल में वे किसी से मिलने गए थे। वहां से करीब 11:30 बजे वे भाजपा नेताओं के साथ राजकीय अतिथिशाला पहुंचे। भाजपा के बिहार प्रभारी व सांसद भूपेंद्र यादव, राष्ट्रीय महामंत्री सौदान सिंह, बिहार के संगठन मंत्री नागेंद्र जी और निजी सचिव कृपालु के साथ शाह लिफ्ट से स्टेट गेस्ट हाऊस के प्रथम तल पर अवस्थित अपने कमरे में जा रहे थे कि उसी बीच लिफ्ट फंस गई। उस वक्त लिफ्ट प्रथम तल के सतह से छह इंच नीचे थी। लिफ्ट का ऑटोमेटिक दरवाजा लॉक हो गया।

    लिफ्ट का दरवाजा फंसते ही शाह की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट संजीव चौधरी मौके पर पहुंच गए। सीआरपीएफ ने जैक और रॉड से लिफ्ट के बंद दरवाजे को तोड़ा। इस मशक्कत में करीब आधा घंटे का समय लग गया। स्टेट गेस्ट हाऊस में उस वक्त भाजपा के विधान पार्षद संजय मयूख मौजूद थे।

    मयूख के मुताबिक गेस्ट हाऊस में न तो लिफ्टमैन मौजूद था और ना ही कोई मैकेनिक, जो इस तरह की परिस्थिति में फंसे अति विशिष्ट व्यक्ति को तत्काल बाहर निकाल सके। लिफ्ट मेटल डोर का है, लिहाजा उसके अंदर वेंटिलेशन की भी कोई गुंजाइश नहीं थी। लिफ्ट के अंदर फंसे पांचों भाजपा नेताओं का दम घुटने लगा था।

    दूसरी तरफ मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव शिशिर सिन्हा ने शुक्रवार को बताया कि यह मेटल डोर वाला लिफ्ट बिल्कुल नया है और इसमें वेंटिलेशन की सुविधा भी उपलब्ध है। लिफ्ट की क्षमता केवल 340 किलोग्राम की है, लेकिन इस पर पांच लोग सवार हो गए थे। अमित शाह व भाजपा के अन्य चार लोगों को महज सात से दस मिनट के अंदर ही लिफ्ट से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

    दरअसल, लिफ्ट अत्याधुनिक है, इस कारण उसके फंसते ही ऑटोमैटिक दरवाजा लॉक हो गया। जब उनसे पूछा गया कि क्या लिफ्ट के संचालन के लिए कोई लिफ्टमैन भी ड्यूटी पर मौजूद था, जवाब में उन्होंने कहा कि उसकी ड्यूटी खत्म हो चुकी थी।