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    मौत के बाद भी काम आयेगा आपका आधार कार्ड, जानिए

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Fri, 04 Aug 2017 11:15 PM (IST)

    आधार कार्ड एक ऐसा दस्तावेज हो गया है जिसकी उपयोगिता बैंक में अकाउंट खुलवाने से लेकर मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने में है। ...और पढ़ें

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    मौत के बाद भी काम आयेगा आपका आधार कार्ड, जानिए

    पटना [जेएनएन]। भारतीय नागरिकों को सरकार द्वारा उपलब्ध करवाये जाने वाले आधार कार्ड अब न सिर्फ व्यक्तियों के जिंदा रहते काम आयेगा, बल्कि मौत के बाद भी इसकी जरूरत पड़ेगी। दरअसल, सरकार ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। यह नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा।

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    जानकारों का मानना है कि वयक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति को हड़पने के लालच में कई तरह के फर्जीवाड़े किये जाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि मृत्यु के बाद भी उनके नाम पर लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेते रहते हैं। इन तमाम फर्जीवाड़ों पर रोक लगाने में यह कदम कारगर साबित होगा।

    भारत में कानून के अधीन (जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के अनुसार प्रत्येक मृत्यु होने के 21 दिनों के भीतर संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में पंजीकरण करना अनिवार्य है। तदनुसार सरकार ने केन्द्र में महापंजीयक, भारत के पास और राज्यों में मुख्य पंजीयकों के पास गांवों में जिला पंजीयकों द्वारा चलाने जाने वाले और नगरों के पंजीयक परिसर में मृत्यु का पंजीकरण करने के लिए सुपारिभाषित प्रणाली की व्यवस्था की है। 

    मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने के लिए पहले मृत्यु का पंजीकरण करना होता है। मृत्यु का पंजीकरण संबंधित प्राधिकारी के पास इसके होने के 21 दिनों के भीतर पंजीयक द्वारा निर्धारित प्रपत्र भर करके किया जाना है। तब उचित सत्यापन के बाद मृत्‍यु प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। लेकिन कई बार मृत्यु प्रमाण पत्र के सहारे फर्जीवाड़े का खुलास होते आया है। आधार कार्ड अनिवार्य हो जाने के बाद फर्जीवाड़े में कमी होगी। 

     

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    मृत्यु प्रमाण पत्र एक दस्तावेज होता है जिसे मृत व्यक्ति के निकटतम रिश्तेदारों को जारी किया जाता है, जिसमें मृत्यु का तारीक तथ्य और मृत्यु के कारण का विवरण होता है। मृत्यु का समय और तारीख का प्रमाण देने, व्यष्टि को सामाजिक, न्यायिक और सरकारी बाध्यताओं से मुक्त करने के लिए, मृत्यु के तथ्य को प्रमाणित करने के लिए सम्पत्ति संबंधी धरोहर के विवादों को निपटान करने के लिए और परिवार को बीमा एवं अन्य लाभ जमा करने के लिए प्राधिकृत करने के लिए मृत्‍यु का पंजीकरण करना अनिवार्य है। 

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