सब्सिडी के बूते और लोकप्रिय होगा वसुधा केंद्र
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जागरण ब्यूरो, पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को वसुधा केंद्रों की जागरूकता को ले राष्ट्रीय ई गवर्नेस योजना के तहत उन्मुखीकरण परिवर्तन अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि वसुधा केंद्र चलाने वालों को अगर सब्सिडी मिले तो यह अपने आप बेहद लोकप्रिय हो जाएगा। केंद्र सरकार उन राज्यों के लिए ऐसी विशेष योजना तैयार करे, जहां लोक सेवा का अधिकार नियम (आरटीपीएस) लागू है। केंद्र सरकार सब्सिडी की राशि सीधे वसुधा केंद्र चलाने वालों को दे। राज्य सरकार भी इसमें अपना योगदान करेगी।
उनके अनुसार ई गवर्नेस का सीधा संबंध डिलीवरी सिस्टम से हो गया है। आईटी के विकास से क्रांति आई है। यह जनहित में भी है। हमारी योजना हर प्रखंड में वसुधा केंद्र स्थापित करने की है। वसुधा केंद्र का उपयोग सरकारी सेवाओं को हासिल किए जाने को ले अभी कम होता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल करने वालों को इसकी एवज में केंद्र संचालक को शुल्क देना पड़ता है। सरकारी दफ्तरों में पैसा नहीं लगता है। वसुधा केंद्र पर लगने वाले शुल्क को अगर सब्सिडी के तौर पर उनके संचालकों को दे दिया जाए, तो फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वसुधा केंद्र के माध्यम से निर्माण से जुड़ी योजनाओं की मानीटरिंग भी हो सकती है। हम उन्हें यह जवाबदेही सौंप दें कि निर्माण योजनाओं के सुबह-शाम हुई प्रगति की तस्वीर हमें भेजें। वसुधा केंद्र इस तरह से बन जाएं कि लोगों को अधिक से अधिक फायदा हो। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर झंडी दिखाकर जागरुकता रथ को भी रवाना किया। इस दौरान सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री शाहिद अली खान भी मौजूद थे।
इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अपर सचिव राजीव गौवा के अनुसार जागरुकता से जुड़ा यह अभियान रथ प्रदेश के 138 वसुधा केंद्रों पर एक माह के अंदर पहुंचेगा। नालंदा के छबीलापुर से यह अभियान रथ शनिवार को विधिवत रूप से वसुधा केंद्रों के लिए आगे बढ़ेगा। यह अभियान इसलिए शुरू किया गया है कि वसुधा केंद्रों के स्तर से होने वाले काम की मात्रा बढ़े। कामन सर्विस सेंटर को बिहार में वसुधा केंद्र के रूप में जाना जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बिहार में आईटी सेक्टर की गतिविधियों की व्यापक चर्चा की।
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