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    छह साल के बच्चे ने कोर्ट में दी गवाही-दादी ने मम्मी को जहर पिलाया

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Sat, 22 Jul 2017 07:49 PM (IST)

    जालिम सास ने जहर पिलाकर बहू को मार डाला, लेकिन उसका पाप छुपा नहीं। छह साल के पोते ने अपनी दादी की करतूत को कोर्ट में बयां किया, जिसे सुनकर सास को उम्रकैद की सजा दी गई है।

    छह साल के बच्चे ने कोर्ट में दी गवाही-दादी ने मम्मी को जहर पिलाया

    भागलपुर [जेएनएन]। एक सास ने अपनी बहू को जहर खिलाकर मार डाला, इसकी गवाही छह साल के पोते ने दी और पोते की गवाही के बाद सास को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एडीजे-5 दीपांकर पांडे की अदालत ने शुक्रवार को जूली हत्याकांड में सास ललिता देवी को उम्रकैद की सजा सुनाई है और साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।

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    ललिता पर आरोप है कि उसने अपने बहू की हत्या करने की नीयत से दवा बताकर जहर पिला दी, जिसकी गवाही खुद जूली के छह साल के बेटे शिव कुमार ने दी थी।

    इस मामले में गोड्डा स्थित मेहरामा के तुलाराम भुस्का निवासी जूली की मां सुनीता कुमारी ने जूली की हत्या के लिए गोराडीह के घटवारी टोला निवासी ललिता समेत ससुर संतलाल साह, देवर कन्हाई साह व ननद पिंकी देवी को इशीपुर बाराहाट थाने में नामजद किया था।

     

    देवर व ननद की संलिप्तता की पुष्टि जांच रिपोर्ट में नहीं हो सकी, जबकि संतलाल जमानत पर है। उनका मामला एडीजे-7 की अदालत में विचाराधीन है। मामले में सरकार की ओर से पैरवी कर रहे एपीपी वीरेश मिश्रा ने बताया कि पार्ट चार्जशीट डालने के कारण अलग-अलग कोर्ट में मामला चल रहा है।

     

    8 साल पहले जूली की हुई थी शादी

    जूली का विवाह आठ साल पहले संतलाल के बेटे उमेश साह के साथ हुई थी। उमेश ओडिसा में कपड़े की दुकान चलाता था। शादी के दो-तीन साल बाद वह जूली और अपने दो बच्चों को लेकर ओडिसा चला गया था। वहीं उसकी मौत हो गई।

     

    जूली वहां प्राइवेट संस्था में काम करती थी और उसे संस्था ने सिलाई मशीन खरीदने व पूंजी के रूप में 20 हजार रुपये नकद दिए थे। जूली बच्चे समेत ओडिसा से वापस ससुराल लौट आयी। इस दौरान सास उसे मारती-पीटती थी।

    18 अगस्त 2016 को ललिता की बड़ी बेटी दुलारी देवी ने मोबाइल पर जूली की मां को सूचना दी कि जूली की तबीयत बहुत खराब है। जल्दी आइए। कुछ देर बाद छोटी ननद पिंकी ने मोबाइल पर सूचना दी कि जूली मर गई।

     

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    सुनीता जब जूली के ससुराल पहुंची तब छह वर्षीय जूली के बेटे शिव ने बताया कि रात में दादी मां ने मम्मी को दवा पिलाई थी, उसके बाद जूली सो गई और फिर नहीं उठी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी जूली की मौत जहर पीने से बतायी गई। इसके बाद पुलिस ने ललिता देवी को गिरफ्तार कर लिया।

     

    केस दर्ज होने के बाद 22 मार्च 2017 को चश्मदीद शिव ने कोर्ट में बयान में पूरी हकीकत बता दी। जिसे कोर्ट ने अहम माना और पोते शिव की गवाही पर दादी ललिता को उम्रकैद की सजा सुना दी। मामले में बचाव पक्ष से इंद्रदेव कुमार सिंह ने बहस की।

     

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