लालू ने नीतीश को कहा राजनीति का पलटूराम, बताया- लालची व स्वार्थी नेता
लालू प्रसाद ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि सत्ता के लालची नीतीश कुमार राजनीति के पलटूराम हैं। मेरे खिलाफ साजिश रचने में नीतीश शामिल हैं।
पटना [जेएनएन]। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर बरसे। लालू ने उन्हें राजनीति का पलटू राम बताया और कहा कि राजनीति के इतिहास में इतनी ज्यादा पलटी किसी ने नहीं मारी। नीतीश का शुरू से ही भाजपा के साथ टाइअप रहा है। अगर तेजस्वी इस्तीफा दे देते तो भी नीतीश भाजपा के साथ जाते, सब कुछ फिक्स था।
राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को लालू ने कहा कि मैैं नीतीश कुमार से सीनियर हूं। मैैं सोमवार को उनका प्रेस कांफ्रेंस सुन रहा था। उन्हें यह बोलते हुए शर्म नहीं आई कि हमने लालू यादव को नेता बनाया। जिस समय मैैंने छात्र संघ की पहली मीटिंग की थी उस समय तो नीतीश कुमार विजिबल भी नहीं थे। नीतीश कुमार को तो मैैंने छात्र संघ की संचालन समिति में शामिल किया। नरेंद्र मोदी का जयकारा लगा रहे नीतीश कुमार को मैैंने कभी किसी मूवमेंट में नहीं देखा।
लालू प्रसाद ने कहा कि मैैं नीतीश कुमार के राजनीतिक चरित्र को पहले से जानता हूं इसलिए उन्हें महागठबंधन का नेता नहीं बनाना चाहता था पर मुलायम सिंह यादव के कहने पर उनके नाम की घोषणा कर दी। मैैंने नीतीश कुमार को जहर नहीं कहा। असल में मैैंने कहा था कि सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लडऩे के लिए मुझे जहर पीना भी मंजूर है।
राजद सुप्रीमो ने कहा कि नीतीश सत्ता के लालची व स्वार्थी नेता हैैं। वे हमारे लड़के की बलि लेना चाहते थे। मेरे आवास पर आकर उन्होंने कहा था कि हमें एक टर्म और दे दीजिए। आगे तो ये बच्चे संभालेंगे।
लालू प्रसाद ने कहा कि मैं 1977 में एमपी हुआ। उसमें नीतीश कुमार का क्या योगदान था? पूछा, जब नीतीश कुमार नेता बनाने वाले मशीन थे तो दो बार क्यों विधानसभा चुनाव हार गए? मैैंने उन्हें बाढ़ से एमपी बनाया।
रामलखन सिंह यादव को इसके लिए मनाया। उन्हें आरा भेजा और उनके पुत्र को एमएलसी बनाने की बात कही।
शराबबंदी पर राजद सुप्रीमो ने कहा यह पूरी तरह फेल है। अब तो होम डिलीवरी शुरू हो गई है। हजारों पासी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कहते हैैं नीरा बनाएंगे। एक ग्राम ताड़ी भी वर्कशॉप में नहीं पहुंचा।
लालू ने कहा कि राजद विधायक भाई वीरेंद्र को हतोत्साहित करने की नीयत से सरकार ने उन पर मुकदमा किया है। यह राजनीतिक विद्वेष की वजह से हुआ है। दरअसल भाई वीरेंद्र कुछ अधिक मुखर थे।
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