लालू ने अखिलेश को फिर किया फोन, अखिलेश ने कहा - नो थैंक्स
सपा में मचे घमासान पर लालू ने अखिलेश से कहा कि अब पिता जी से मिलकर इन चीजों को समेटिए। अब झगड़ा ठीक नहीं है, चुनाव सिर पर है। अब सबको टिकट भी बांटना है। अखिलेश ने कहा- नो थैंक्स।
पटना [जेएनएन]। यूपी में मुलायम परिवार में दंगल जारी है। पिता-पुत्र की बीच मुलाकात के बाद भी रिश्तों की कड़वाहट दूर नहीं हो रही है। समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच की सियासी दूरियां बढ़ती ही जा रही है और अब यह पार्टी टूटने की कगार पर पहुंच गई है।
इसके बावजूद कुछ लोग इस दल को टूटने से बचाने में लगे हैं। उनमें से एक आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी हैं जो अपने समधी का घर बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
लालू ने अखिलेश को फोन कर कहा - सुलह कर लीजिए
इस कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अखिलेश और मुलायम के बीच समझौता कराने की कोशिश की। इसके लिए लालू ने खुद अखिलेश को फोन किया और उन्हें अपने पिता मुलायम सिंह यादव से सुलह करने को कहा।
लालू ने अखिलेश से कहा कि अब पिता जी से मिलकर इन चीजों को समेटिए। अब झगड़ा ठीक नहीं है, चुनाव सिर पर है। अब सबको टिकट भी बांटना है। लालू ने अखिलेश को यह भी कहा कि अब ज्यादा हो गया है। हम अभी भी पिता के साथ हैं, उनसे सिर्फ हम तीन महीना के लिए आग्रह कर रहे हैं। तीन महीना तक के लिए ऐसा ही रहने दे।
अखिलेश ने लालू से कहा - नो थैंक्स
लालू ने पहले भी अखिलेश व मुलायम से बात की थी। फिर उन्होंने अखिलेश यादव को फोन किया और उन्हें अपने पिता मुलायम सिंह यादव से सुलह करने को कहा। हालांकि, अखिलेश ने बड़ी विनम्रता से 'नो थैंक्स' कहकर कुछ ही मिनटों में उनका यह प्रस्ताव ठुकरा दिया।
बाद में लालू प्रसाद यादव ने मीडिया से बुधवार को कहा, 'मैंने अखिलेश को देर रात फोन कर सलाह दी थी कि वह मुलायम सिंह यादव से सुलह कर ले, लेकिन मुझे निराशा हाथ लगी।'
पढ़ें - लालू ने कहा, नोटबंदी के लिए गुरु के दरबार में माफी मांगें अमित शाह
अखिलेश ने लालू से यह भी कहा कि बाद में सब पहले जैसे होगा। अखिलेश के साथ रामगोपाल हैं व मुलायम की तरफ अमर सिंह हैं। हालांकि मुलायम सिंह खुद सूझबूझ वाले नेता हैं। लालू ने माना कि यदि मुलायम और अखिलेश का गुट अलग-अलग चुनाव लड़ेगा तो इससे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को ही फायदा होगा।
राजद सुप्रीमो ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूपी चुनाव के बाद सब ठीक हो जाएगा। प्रदेश में अखिलेश की सरकार बनते ही मुलायम सिंह यादव की आदर के साथ समाजवादी पार्टी में अध्यक्ष पद पर जरूर वापसी होगी।दरअसल, लालू की इस पहल के पीछे सियासी मजबूरियों के अलावा कुछ और कारण भी है।
लालू और मुलायम आपस में रिश्तेदार भी हैं। लालू की बेटी की शादी मुलायम के पोते तेजप्रताप यादव से हुई है।वैसे तेजप्रताप को अखिलेश का करीबी माना जाता है। वहीं, लालू प्रसाद यादव खुद को मुलायम सिंह के करीब मानते हैं। ऐसे में लालू के लिए असमंजस की स्थिति है कि वे मुलायम और अखिलेश में किनका साथ दें।
यह भी पढ़ें: #उड़ताकेजरीवाल ने ट्विटर पर मचाई धूम, लोगों ने खूब बनाया मजाक
समाजवादी पार्टी के लिए अहम दिन
वैसे सपा में मचे घमासन पर कई बैठकों के बाद भी कोई तस्वीर सामने निकल कर नहीं आ पाई है। ऐसे में बुधवार (11 जनवरी) को समाजवादी पार्टी के लिए काफी अहम दिन माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि मुलायम सिंह कुछ कड़े फैसले ले सकते है। यही वजह है कि उनके आवास के बाहर कवरेज कर रहे पत्रकारों को संदेश मिला है कि वो बुधवार को औपचारिक बातचीत करेंगे। ऐसे में सूत्रों की माने तो अंदाजा लगा जा रहा है कि सपा में आर या पार की स्थिति पर फैसला हो सकता है।
दिल्ली से लौटने के बाद मुलायम सिंह यादव ने नए तेवर के साथ अचानक यू-टर्न लिया और अखिलेश को सीएम का प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद मंगलवार को अखिलेश के साथ डेढ़ घंटे चली बैठक को लेकर तमाम राजनीतिक विश्लेषक अंदाजा लगाते रहे कि सुलह की गुंजाइश बढ़ती दिख रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।