..हर कदम बढ़ चला सूर्य नमस्कार करने को
पटना, हमारे कार्यालय संवाददाता। हालांकि पौ फटे काफी वक्त बीत चुका था, लेकिन माहौल कुछ-कुछ सुबह जैसा ही था। अमूमन खेलों के दौरान दिखने वाले जोश और जुनून से इतर एक दूसरे ही तरह का जोश और जुनून सोमवार को मोइनुलहक स्टेडियम में उफान पर था। बच्चों के कोलाहल के बीच जयघोष होती भारत जागो. विश्व जगाओ। यह जयघोष अभी थम भी नहीं पाती की स्टेडियम के कोने कोने से इस जयघोष का प्रति उत्तर सुनाई पड़ने लगता। सोमवार को स्टेडियम में सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया। जिसमें शहर के अनेक प्रतिष्ठित स्कूलों के के बच्चों ने भाग लिया। योग गुरुओं ने तीन स्थानों पर आसन जमा बच्चों को सूर्य नमस्कार की विधियों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इससे पहले स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के मौके पर देश भर में आयोजित सूर्य नमस्कार में पटना शहर ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया। मोइनुलहक स्टेडियम में आयोजित सूर्य नमस्कार का विधिवत उद्घाटन संयुक्त रूप से पर्वतारोही संतोष यादव, चिकित्सक राजीव रंजन, शिक्षाविद् एन रहमान और विहिप नेता अनिल ठाकुर ने किया। कार्यक्रम में इनके लोगों के अलावा मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, पं ताराकांत झा, वार्ड पार्षद सुषमा साहू, गौतम कात्यायन, अर्जित शाश्वत, अवधेश कुमार तथा अजय यादव जैसे अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
वक्ताओं की नजर में सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार कोई धार्मिक साधना नहीं वरन एक योग विद्या है। इससे सब लोगों को फायदा होता है। इसे किसी खास धर्म या संप्रदाय से जोड़ना से जोड़ना बेतुका है। सूर्य नमस्कार के विरोध का कोई औचित्य ही नहीं है। -पर्वतारोही संतोष यादव
स्वामी जी कहा करते थे हमारे देश को लोहे की मांसपेशियों और फौलाद स्नायु वाले युवाओं की जरुरत है। जो युवा स्वामी जी के बताए उस मार्ग पर चलना चाहते हैं उन्हें सूर्य नमस्कार करना चाहिए। -पूर्व सभापति पं ताराकांत झा
भारत का कण-कण पवित्र है। मैं भारत की नदियों, पर्वतों को देव तुल्य मानता हूं। कुछ लोग सूर्य नमस्कार का विरोध कर रहे हैं। लेकिन ऐसे व्यर्थ के विरोध का ऐसे आयोजनों से कोई मतलब नहीं है। - शिक्षाविद् एम रहमान
सूर्य नमस्कार एक ऐसी साधना है जिससे बच्चों के शरीर को विकसित होने का मौका मिलता है। आज के युवाओं को सूर्य नमस्कार की पद्धति को अपनाना चाहिए। सूर्य नमस्कार से उन्हें फायदा ही फायदा मिलेगा। -प्रख्यात चिकित्सक राजीव रंजन
आज जरुरत है कि देश का युवा जमकर खाए और सूर्य नमस्कार में उतना ही पसीना बहाए। सूर्य नमस्कार प्राचीन योग विद्या है जिसमें प्रत्येक भारतीय को हिस्सा लेना चाहिए। -प्रांत प्रचारक अनिल ठाकुर
सूर्य नमस्कार में भाग लेने वाले स्कूल
ज्ञान निकेतन
रविन्द्र बालिका
ब्लू पर्ल
आरपीएस स्कूल
जलान हाई स्कूल
भीमराव अंबेदकर विद्यालय
नारायणी कन्या उच्च विद्यालय
दयानंद सरस्वती विद्यालय
सरस्वती शिशु मंदिर
मैकेंजी मध्य विद्यालय
विवेकानंद हाई स्कूल
केशव विद्या मंदिर
वीर सावरकर हाई स्कूल
गायत्री परिवार
पंतजलि योग पीठ
धार्मिक विश्वास थोपा नहीं जा सकता
बिहार विधान परिषद में विरोधी दल के नेता प्रो गुलाम गौस ने कहा है कि धार्मिक विश्वास को किसी के माथे जबरन थोपा नहीं जा सकता है।
सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का विरोध करते हुए गौस ने कहा कि भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है। यहां विभिन्न जाति, भाषा और संप्रदाय के लोग अपने-अपने धार्मिक विश्वास के साथ रहते हैं। लेकिन कुछ लोग इस राज्य को पोंगा पंथियों की गोद में लिए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह स्थिति देश के लिए खतरनाक हो सकती है। गौस ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित सूर्य नमस्कार और प्रत्येक विद्यालय में इसके कार्यान्वयन की सूचना को आरएसएस का खुफिया एजेंडा बताया और कहा इस प्रस्ताव पर प्रदेश के मुख्यमंत्री की भी सहमति है।
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