भाजपा अध्यक्ष का तंज, लालू भैंस ही बांट देते, कालेधन से कुछ तो भला होता
भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने पद संभालते ही लालू पर हमला किया। उन्होंने कहा कि लालू अगर भैंस ही बांट देते तो कालेधन से कुछ का तो भला हो जाता।
पटना [रमण शुक्ला]। भाजपा ने नित्यानंद राय को बिहार की कमान दी है। अध्यक्ष बनते ही उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर हमले तेज कर दिए। वे कहते हैं कि लालू जिस वोट बैंक को अपना कहते हैं, उनका भी भला नहीं किया। नित्यानंद राय के कार्यकाल की अभी तो शुरुआत है। उनके सामने कई चुनौतियां हैं। फिलहाल उन्होंने अपनी ताजपोशी व रणनीति के बारे में दैनिक जागरण से खुलकर बात की।
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सवाल : कहा जा रहा है कि भाजपा सामाजिक न्याय के नाम पर अपने शीर्ष पद कुछ विशेष जातियों को बांट रही। आपका भी चयन जाति विशेष का होने की वजह से हुआ है?जवाब : आपका यह सवाल उचित नहीं है। भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। सबका साथ, सबका विकास पार्टी का मूलमंत्र है। नेतृत्व परिवर्तन के पीछे पार्टी की ऐसी कोई भावना नहीं है। पिछले तीन दशक में ज्यादा समय सवर्ण जातियों के हमारे नेता पार्टी के प्रमुख पदों पर रहे हैं। मैंने स्वयं डॉ. सीपी ठाकुर, गोपाल नारायण सिंह, राधामोहन सिंह और मंगल पांडेय समेत छह अध्यक्षों के नेतृत्व में काम किया है।
भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है। सबके आशीर्वाद और सहयोग से पार्टी को मजबूत बनाएंगे। भाजपा में सबके सम्मान की परंपरा रही है। उसी का पालन करेंगे।
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सवाल : क्या यह सही नहीं कि लालू प्रसाद के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए पार्टी ने आपको प्रदेश की कमान सौंपी है। राजद के परंपरागत वोट बैंक में कैसे सेंध लगाएंगे?
जवाब : देखिए लालू प्रसाद के वोट बैंक में सेंध लगाने की जरूरत नहीं है। जाति विशेष को साफ करने का नारा देने वालों ने 15 वर्षों के शासनकाल में किसी का भला नहीं किया। भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और लाला के खिलाफ कभी आपत्तिजनक नारे गढऩे वालों ने अपनी तथाकथित समर्थक जातियों को भी दगा दिया।
आप देखिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी की मार से कालेधन के ढेर पर बैठकर राजद प्रमुख छटपटा रहे हैं। लालू प्रसाद ने अपनी अरबों की भ्रष्टाचार की कमाई से एक-एक गाय या भैंस भी यादवों को दे दी होती, तो बहुतों का भला हो जाता। लेकिन, लालू प्रसाद ने केवल परिवारवाद, वंशवाद और भ्रष्टाचार की राजनीति की। अब लोग समझने लगे हैं।
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सवाल : पार्टी में आप किस गुट के हैं? अध्यक्ष बनाने में इस बार प्रदेश के प्रभावशाली नेताओं की नहीं चली। कहा जा रहा कि बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव की पहल से आपको कुर्सी सौंपी गई है।
जवाब : भाजपा में कोई गुट नहीं है। मैं किसी गुट का नहीं हूं। किसकी सिफारिश पर मुझे प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिया गया, यह मैं नहीं जानता हूं।
मैं बस इतना जानता हूं कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। मेरी जानकारी में भाजपा का एक ही प्रदेश संगठन है। कहीं कोई गुट नहीं है, बल्कि सभी एकजुट हैं। भाजपा देश की इकलौती लोकतांत्रिक पार्टी है। पार्टी का एक ही नारा है, 'सबका साथ, सबका विकास।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जो जिम्मेदारी सौंपी उस पर खरा उतरना है। बिहार की राजनीति में पार्टी संघर्ष की राह पर है। सत्ता हासिल कर बिहार का भला करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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नित्यानंद राय, एक परिचय
- प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
- उजियारपुर के सांसद
- जन्म तिथि : पहली जनवरी 1966
- गांव : कर्णपुरा, हाजीपुर, जिला वैशाली
- विधायक : हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे। पहली बार 2000 में विधायक बने, फरवरी 2005 और अक्टूबर 2005 फिर 2010 में विधायक चुने गए।
- सांसद : 2014 में समस्तीपुर जिले के उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र से पहली बार सांसद
- आरएन कॉलेज, हाजीपुर से स्नातक
- 1982 में विद्यार्थी परिषद से जुड़े
- 1985 में विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री गए
- 1987 विद्यार्थी परिषद के जिला प्रमुख बनाए गए
- 1990 रामजन्म भूमि आंदोलन में जेल गए
- 1993 में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री बनाए गए
- 1995 में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए
- 2000 में भाजपा के प्रदेश मंत्री बनाए गए
- 2004 में भाजपा के प्रदेश महामंत्री बनाए गए
- 2013 में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए
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