बिहार की इस सब्जी की विदेशों में धूम, शोध को आई मैक्सिको की टीम ...जानिए
बिहार की सब्जी सहजन के गुणों से किसान अनजान हैं। इसके गुणों पर देश-विदेश में शोध हो रहे हैं। इसी सिलसिले में मैक्सिको से वैज्ञानिकों का एक दल बगहा आया है।
पश्चिम चंपारण [सुरेन्द्र त्रिवेदी]। विदेशों में जारी शोध ने सामान्य सी दिखनेवाली बिहारी सब्जी सहजन को विश्व पटल पर ला दिया है। अपने औषधीय गुणों के कारण सहजन मैक्सिकों में धमाल मचा रहा है। इसी क्रम में मैक्सिको के वैज्ञानिकों व शोधार्थियों की एक टीम जिला के बगहा स्थित गोबर्धना पहुंची है।
गुणों की खान है सहजन
वैज्ञानिक टीम के लीडर वनस्पति विज्ञानी मार्क ई. आंलसन ने कहा कि सहजन विटामिन और प्रोटीन से भरा अद्भुत क्षमता रखने वाला पौधा है। पत्ते को चबाते हुए कहा इसकी सब्जी ही नहीं, बल्कि फूल व पत्ते से लेकर तने तक में गुणों की भरमार है।
विश्व में कई जगह हो रहे शोध
शोध के दौरान टीम लीडर ने गोबर्धना, मंचचंगवा नौरंगिया दोन सहित दर्जनों गांवों का भ्रमण किया। कहा कि विश्व की कई वनस्पति प्रयोगशालाओं में इस पौधे पर शोध वर्षो से जारी है। वर्ष 1925 में डॉ. हेंस ने इसके विलक्षण गुणों की व्याख्या रिसर्च जर्नल में की थी। इसके बाद दुनिया के वैज्ञानिकों में शोध को लेकर होड़ सी लगी।
सेहत के लिए फायदेमंद
शोध पत्रों का हवाला देते कहा कि सहजन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी टॉक्सिन और एंटीबायोटिक की भरपूर मात्रा होती है। वहीं, इसमें विटामिन ए बी सी सहित श्वेत रक्त कण को मजबूत रखने की बेजोड़ क्षमता भी है।
एक सप्ताह रहेगी टीम
दिल्ली से आई गाइड गरिमा कुमारी टीम की मदद कर रही हैं। टीम सप्ताह भर यहां के गांवों में सहजन खेती व गुणों पर शोध करेगी। टीम लीडर ने कहा कि हिमालय की तराई होने के कारण यहां की मिट्टी पानी में औषधीय गुण पाए जाते हैं।
गुणों से अनभिज्ञ हैं किसान
गौरतलब है कि सहजन की खेती बिहार में एक सामान्य किसानी प्रक्रिया है। मगर विशेष रूप से यह पौधा गोबर्धना, दोन और मंचचंगवा में सालों भर उपजाया जाता है। आमतौर पर किसानों को इसके गुणों की जानकारी नहीं है। कुछ सहजन सालों भर पाई जाने वाली सब्जी के रूप में भी उपलब्ध है।
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