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नक्सलियों के गढ़ में गुरुजी की कट रही चांदी

संवाद सहयोगी, लखीसराय : नक्सल प्रभावित कजरा, पीरी बाजार एवं चानन थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती जंगली-पह

By Edited By: Published: Mon, 05 Jan 2015 07:13 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jan 2015 07:13 PM (IST)
नक्सलियों के गढ़ में गुरुजी की कट रही चांदी

संवाद सहयोगी, लखीसराय : नक्सल प्रभावित कजरा, पीरी बाजार एवं चानन थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती जंगली-पहाड़ी क्षेत्र के विद्यालयों में विभागीय अधिकारी जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। इसका लाभ उठाकर उस क्षेत्र के विद्यालयों के विद्यालय प्रधान नक्सलियों को मैनेज करने के नाम पर छात्र-छात्राओं के हितों के लिए चलाई जा रही एमडीएम, पोशाक एवं छात्रवृत्ति योजना की राशि से अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं। इसका खुलासा कजरा शिक्षांचल अंतर्गत कन्या मवि. नरोत्तमपुर के संकुल संसाधन केंद्र समन्वयक विमल कुमार हिमांशु एवं मवि. कजरा के संकुल संसाधन केंद्र समन्वयक मनोज कुमार ने कजरा शिक्षांचल के बीईओ सीताराम सिंह को भेजे गए पत्र में किया है। कन्या मवि. नरोत्तमपुर के सीआरसीसी ने संबंधित पंचायत के मुखिया द्वारा अनुशंसित बीईओ को आवेदन दिया है। जिसमें कहा गया है कि कजरा शिक्षांचल के बीईओ के ज्ञापांक 364, दिनांक 19 दिसंबर 14 के आलोक में वे मवि. घोघी कोड़ासी, संथाली टोला सुअरकोल में पोशाक एवं छात्रवृत्ति राशि वितरण कराने हेतु प्राधिकृत किया गया। 27 दिसंबर 14 पोशाक एवं छात्रवृत्ति वितरण कराने हेतु वे उक्त विद्यालय पहुंचे। विद्यालय पहुंचने पर वे विद्यालय प्रधान योगेन्द्र प्रसाद मेहता से पोशाक एवं छात्रवृत्ति राशि वितरण के संबंध में जानकारी मांगी। परंतु प्रधान शिक्षक ने जानकारी देने से इन्कार कर दिया और कहा कि यहां नक्सलियों को मैनेज करना पड़ता है। इसी तरह मवि. कजरा के सीआरसीसी मनोज कुमार ने कजरा बीईओ को आवेदन देकर प्राथमिक विद्यालय शीतला कोड़ासी के विद्यालय प्रधान पर पोशाक एवं छात्रवृत्ति राशि वितरण में घोर अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है। कमोवेश यही स्थिति नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती जंगली पहाड़ी क्षेत्र के अधिकांश विद्यालयों की है। जहां एमडीएम, पोशाक एवं छात्रवृत्ति योजना की राशि का लाभ छात्र-छात्राओं को नहीं मिलता है। योजनाओं की राशि गुरुजी की तिजोरी में चली जाती है। वैसे इस क्षेत्र में अधिकांश विद्यालयों का संचालन भी कागजों पर होता है। कई बार विभागीय निरीक्षण में इसका खुलासा हो चुका है कि शिक्षक विद्यालय जाते ही नहीं हैं। इधर कजरा शिक्षांचल के बीईओ सीताराम सिंह ने कहा कि सीआरसीसी से मिली शिकायत की जांच की जाएगी तथा दोषी पाए जाने पर विद्यालय प्रधान के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।


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