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हजारों में लगे पौधे फिर भी नहीं छायी हरियाली

संवाद सहयोगी, लखीसराय : जिले को हरा भरा बनाने के लिए वन विभाग के द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों म

By Edited By: Published: Thu, 06 Nov 2014 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 06 Nov 2014 07:53 PM (IST)
हजारों में लगे पौधे फिर भी नहीं छायी हरियाली

संवाद सहयोगी, लखीसराय : जिले को हरा भरा बनाने के लिए वन विभाग के द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चलाया गया पौधारोपण अभियान विभाग की फाइलों में सिमट कर रह गया है। इस अभियान का असर जिले में कहीं नही दिख रहा है। करोड़ खर्च करने के बावजूद न तो कहीं धरातल पर इस अनुपात में पेड़ लगे और न ही जिले में हरियाली आयी। ऐसा प्रतीत होता है कि वन विभाग ने फाइलों में ही पौधारोपण कर खानापूर्ति कर ली।

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जानकारी के अनुसार जिले में विभिन्न क्षेत्रों में वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार दो वर्ष में दो लाख 82 हजार 256 पौधे लगाए गए। इसकी देखभाल के लिए वन विभाग ने जिले में 25 कैटल गार्ड को रखा है लेकिन जब पौधा ही नहीं है तो कैटल गार्ड की कैसी आवश्यकता। पांच वर्षों तक कैटल गार्ड के द्वारा पौधारोपण किया जाना है। बताया जाता है कि कैटल गार्ड के नाम पर विभाग ने जमकर अनियमितता की है। इसकी जांच करने के बाद वन विभाग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी किये जाने का मामला प्रकाश में आ सकता है।

हरियाली लाने के लिए लगाये गये पौधे :

वन विभाग वन एवं सड़क किनारे हरियाली लाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पौधारोपण अभियान चलाया। इसके तहत वर्ष 2013 में मोकामा- मुंगेर एनएच 80 पर पौधारोपण योजना के तहत 85 सौ पौधा, रामगढ़ चौक से सिरारी तक 15 सौ पौधे लगाये गये। इसके अलावा वर्ष 2014 में कजरा हिल ब्लॉक में 60 हजार, कुंदर वन रोपण क्षेत्र में एक लाख, गोपालपुर जंगल में 55 हजार, मतासी से उकसी गांव के बीच 2,256 पौधे लगाये गये। लेकिन धरातल पर इस योजना में महज खानापूर्ति की गई। जंगली क्षेत्रों के लोगों के द्वारा जिला प्रशासन से कई बार उक्त क्षेत्र के ग्रामीणों ने शिकायत की लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई।

- पौधों की देखभाल के लिए बहाल है किये गये कैटल गार्ड :

वन विभाग के द्वारा पौधारोपण के बाद इसकी देखभाल के लिए कैटल गार्ड बहाल किये गये हैं। करीब तीन लाख पौधों के लिए जिले में 24 कैटल गार्ड है। जबकि नियमत: 400 पौधों पर एक कैटल गार्ड को रखना था। बहाल गार्ड को पुरानी योजना में 176 रूपये एवं नई योजनाओं में 184 रूपये मजदूरी देने का प्रावधान है। सूत्रों की मानें तो सच्चाई यह है कि कैटल गार्ड के नाम पर भी गड़बड़ी बरती गई है।

- नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम पर होती है लूट खसोट :

पौधारोपण योजना अधिकांशत: जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में होती है। वन विभाग के अधिकारी इसका लाभ उठाते हुए गड़बड़ी बरत रहे है। बताया जाता है कि जिले के नक्सल प्रभावित इलाका चानन प्रखंड के कुंदर वन रोपण कार्य में वन विभाग ने व्यापक रूप से गड़बड़ी की है। यहां लाखों रूपये की योजना से एक लाख पौधा लगानी थी। लेकिन जैसे तैसे योजना का कार्यान्वयन कर विभाग ने लूट खसोट मचाया है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने जिला प्रशासन एवं संबंधित विभाग से भी की। लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नही की गई। इसके अलावा नक्सल प्रभावित इलाकों के अन्य योजनाओं का भी यही हाल है।

वन पदाधिकारी ने कहा क्षेत्र में लगे हैं पौधे

लखीसराय के वनों के क्षेत्र पदाधिकारी आरएस महतो ने बताया कि पौधारोपण का कार्य जिले के अधिकांश नक्सल प्रभावित इलाकों में हो रहा है। इसके कारण परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप क्षेत्र में पौधा लगाये गये हैं। वहीं वन की जमीन पर अवैध कब्जा हटा कर वन लगाने के कारण ग्रामीणों के द्वारा विरोध किया जा रहा है।


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