आदिवासी बाहुल्य बोगी बरमोरिया को अब तक नहीं मिली बिजली
जमुई। एक ओर सरकार जहा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के लिए कई योजनाएं चला रखी है वहीं प्रखंड के दो आदिव
जमुई। एक ओर सरकार जहा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के लिए कई योजनाएं चला रखी है वहीं प्रखंड के दो आदिवासी बाहुल्य पंचायतों में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पाया है जिससे यहां के ग्रामीण को बगैर बिजली के रहना पड़ रहा है। अभी तक इन गावों में लालटेन युग का अस्त नहीं हो पाया है। यहां के लोगों ने कई बार ऊर्जा मंत्री, संासद, जिलाधिकारी एवं विधायक को आवेदन देकर इन दो पंचायतों को बिजली सुविधा से जोड़ने की मांग की है लेकिन इस दिशा मे कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
11 हजार लोग हैं बिजली से वंचित
प्रखंड के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी बाहुल्य बोंगी एवं बरमोरिया पंचायतों की जनसंख्या लगभग 11 हजार से च्यादा है। इसके बावयूद इनलोग को बिजली नसीब नहीं हो पा रहा है। इन पंचायतों के बोंगी, गादी, बिली, गगनपुर, डुमरडीहा, गुरूडबाद, बिंदली, बरखुटिया, सुबलमारा, उपड़पहाड़, मंझलाडीह, तेंलगा, पन्ना, पोस्तमारा, बिसौली, ठोलापहाड़ सहित दो दर्जन गांव पूरी तरह बिजली से मरहूम है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय निवासी भोला पंडित, विनोद पंडित, भईया लाल मराडी, ईश्वर पंडित, गुलाब मंडल, बासो मंडल, उल्फत मियां, उस्मान अंसारी आदि ने एक स्वर में कहा कि इन दो पंचायतों को जान-बुझकर विद्युत विभाग द्वारा बिजली नहीं दी गई है। इनलोगों ने कहा कि 21 पंचायतों में जब बिजली पहुंचाई गई तो फिर दो पंचायतों को क्यों छोड़ा गया।
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
इस बाबत बोंगी मुखिया कृष्णा मंडल व बरमोरिया मुखिया मो. अब्बास ने कहा कि यहां बिजली सुविधा बहाल करने के लिए प्रयास जारी है। विभाग को कई बार आवेदन दिया गया है। बिजली के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा। जरूरत पड़ी तो लोगों के साथ
अंदोलन भी करूंगा।
क्या कहते हैं सहायक अभियंता
इस बाबत सहायक अभियंता ने बताया कि जंगल विभाग का जमीन पड़ जाने से इतना विलंब हो रहा है। तीन माह के भीतर वहा बिजली पहुंचाने की दिशा में काम शुरू हो जाएगा।