उड़ी अटैक : शहादत से पहले की थी पत्नी से बात, अधूरा रहा दशहरा में आने का वादा
उड़ी में शहीद हुए जवान सुनील कुमार विद्यार्थी ने शहादत से कुछ घंटों पहले ही पत्नी व बच्चों से बात की थी। उन्होंने दशहरा में घर आने का वादा किया था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2016 01:09 PM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2016 11:01 PM (IST)
गया [नीरज कुमार]। उउ़ी में हुए आतंकी हमले के पहले की रात शनिवार को किरण के मोबाइल पर पति सुनील कुमार विद्यार्थी का फोन आया था। पहले पत्नी और फिर तीनों बेटियों से बातचीत की। पत्नी ने पूछा- सालभर का पर्व दशहरा है, क्या आ पाएंगे? सुनील ने अपने हंसमुख स्वभाव में कहा, ''मुख्यालय में आवेदन दे दिए हैं। उम्मीद करते हैं कि छुट्टी मिल जाएगी।''
पत्नी व बेटियां काफी खुश थीं। 10 मिनट तक बातचीत हुई। अंत में सुनील ने कहा कि यहां बहुत ठंड है। सोने जा रहे हैं। फिर कुछ दिन बाद बात करेंगे। लेकिन, पत्नी व बच्चियों से यह बातचीत अंतिम बन गई। दशहरा में घर आने का वादा भी अधूरा छूट गया। इस बातचीत के ठीक आठ घंटे बाद रविवार की सुबह बिहार के गया का यह जांबाज सैनिक आतंकी हमले में शहीद हो गया।
बार-बार बेहोश हो रही पत्नी
पत्नी किरण गया शहर के चंदौती मोड़ पर तीन बेटियों और पुत्र के साथ किराए के मकान में रहती हैं। किरण के मोबाइल पर सेना मुख्यालय से 18 सितम्बर की शाम छह बजे घंटी बजी तो उन्हें लगा कि पति कुछ बात करना चाहते हैं। लेकिन, कॉल रिसीव की तो आर्मी के सीओ ने सूचना दी कि सुनील कुमार विद्यार्थी आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं।
पति की मौत के बाद किरण को इसकी जानकारी पहली बार उसी समय मिली। उसके बाद से घर में पसरा मातम कम होने का नाम नहीं ले रहा। शहीद पति का शव पंचतत्व में विलीन हो चुका है, घर के लोग किरण को समझाने में लगे हैं। लेकिन, वह बार-बार बेहोश हो जा रही है। हर बार एक ही रट कि दशहरा में आने का वादा किया था, लेकिन...। इस रूदन में पाकिस्तान के लिए आक्रोश भी है।
साधारण परिवार के थे सुनील
गया जिले के परैया प्रखंड के बोकनारी गांव निवासी मथुरा प्रसाद यादव और कुंती देवी का मंझला बेटा था सुनील कुमार विद्यार्थी। परिवार बहुत साधारण है। गांव में रहकर ही शिक्षण पूरा किया। 1998 में आर्मी में चयन हुआ। दानापुर में प्रशिक्षण प्राप्त किया। पहली पोस्टिंग नगालैंड के दीमापुर में हुई थी। जून 2016 में पोस्टिंग पश्चिम बंगाल में और वहां से 18 जून 2016 में पोस्टिंग कश्मीर के उड़ी में की गई थी।
परिवार खेती-बारी पर निर्भर
2000 में इनकी शादी पहाड़पुर स्टेशन के समीप पहाड़पुर गांव की किरण कुमारी से हुई थी। तीन बेटी और बेटा में पहली बेटी 14 वर्ष की आरती कुमारी डीएवी पब्लिक स्कूल मेडिकल यूनिट गया में कक्षा 8 में पढ़ती है। दूसरी बेटी 12 वर्ष अंशु कुमारी इसी स्कूल में कक्षा 6 में और तीसरी बेटी 8 वर्ष की अंशिका कक्षा 2 में अध्ययनरत है। एक पुत्र आर्यन राज जो 2 वर्ष का है।
सुनील दो भाई और एक बहन हैं। भाई सुधीर कुमार और ओमप्रकाश एवं रेणु कुमारी है। दोनों भाई, पिता और मां सभी परैया के बोकनारी गांव में रह रहे हैं। घर की आय खेती-बारी है। घर में सुनील एक मात्र कमाने वाले थे।
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