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बालू घाट: अस्थाई पता बना निविदा रद होने का कारण

जागरण संवाददाता, गया: औरंगाबाद एवं रोहतास जिले के बालू घाटों की बंदोबस्ती मंगलवार को नही हो सकी। अधि

By Edited By: Published: Wed, 14 Jan 2015 01:06 AM (IST)Updated: Wed, 14 Jan 2015 03:48 AM (IST)
बालू घाट: अस्थाई पता बना निविदा रद होने का कारण

जागरण संवाददाता, गया: औरंगाबाद एवं रोहतास जिले के बालू घाटों की बंदोबस्ती मंगलवार को नही हो सकी। अधिकारियों ने बोली लगाने वाले एजेंसी के अस्थाई पता को लेकर आपत्ति जताई। अधिकारी बंदोबस्ती के लिए डाक बोलने पहुंचे अभिकत्र्ताओं को अपने अस्थाई पता की जांच संबंधित जिले के पुलिस से कराने को कहा। साथ ही जांच के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र लाने को कहा।

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मगध प्रमंडल के आयुक्त आरके खंडेलवाल की अध्यक्षता में रोहतास एवं औरंगाबाद जिले के विभिन्न बालू घाटों की निलामी के लिए डाक प्रक्रिया प्रारंभ की गई। कुल पांच एजेंसी डाक बोलने के लिए निविदा पत्र की खरीद की थी। दोनों जिलों के लिए डाक बोलने की न्यूनतम सरकारी राशि 112 करोड़ रुपया एक वर्ष के लिए निर्धारित था। रोहतास एवं औरंगाबाद के जिलाधिकारी, मगध प्रमंडल के उप निदेशक खनन, जिला खनन पदाधिकारी औरंगाबाद-रोहतास सहित कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी डाक प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए उपस्थित थे।

पांच एजेंसी के प्रतिनिधियों ने बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए निविदा पत्र ले रखा था। इनमें ब्राडसन कामोडिटी प्रा.लि., वंशीधर कंपनी, चैम्पियन कंपनी, एसजी प्रोडक्टस कंपनी एवं शालीमार कंपनी के प्रतिनिधि डाक बोलने के लिए आयुक्त के सभा कक्ष में उपस्थित थे।

प्रक्रिया की शुरुआत कागजात की जांच से प्रारंभ हुई। वित्तिय कागजात सही पाए गए। बैंक ड्राफ्ट एवं अन्य कागजात की जांच की गई। कई बैंक से संबंधित बीड के लिए निर्धारित न्यूनतम राशि का बैंक ड्राफ्ट आवेदनों के साथ संलग्न पाया गया। स्थाई पता का सत्यापन संबंधित जिले की पुलिस के द्वारा की गई थी। लेकिन पेंच अस्थाई पता को लेकर फंसा। अधिकारियों का कहना था कि अस्थाई पता की पुलिस जांच के बाद ही संबंधित एजेंसी के प्रतिनिधि बीड प्रक्रिया में शामिल हो सकते है। देर शाम तक अस्थाई पता की पुलिस जांच को लेकर अधिकारियों के साथ डाक बोलने पहुंचे प्रतिनिधियों के बीच नोक झोक होती रही। लेकिन अंत में अस्थाई पता की पुलिस जांच न होने के आधार पर निविदा को रद्द करने की घोषणा आधिकारिक रूप से कर दी गई। साथ ही 19 जनवरी को निविदा आमंत्रित करने की अगली तारीख घोषित की गई।

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सरकारी राजस्व की हो रही क्षति

गया: अस्थाई पता को लेकर निविदा रद्द करने की अधिकृत घोषणा पर दो एजेंसी के प्रतिनिधियों ने उप निदेशक खनन, मगध प्रमंडल से कहा कि अधिकारी नही चाहते है कि सरकारी राजस्व को बढ़ावा मिले। उक्त प्रतिनिधियों का कहना था कि दो दिनों में पुलिस मुख्यालय का नीतिगत निर्णय में बदलाव संभव नही है। यह पूरी तरह से प्रशासन-पुलिस के बीच का मामला है। जिसका नुकसान सरकारी राजस्व को हो रहा है।


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