दवा दुकानदारों की मनमानी से ग्राहक परेशान
दरभंगा। उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा हब दरभंगा में औषधी निरीक्षक की उदासीनता के कारण दवा दुकानदा
दरभंगा। उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा हब दरभंगा में औषधी निरीक्षक की उदासीनता के कारण दवा दुकानदार खुलेआम मनमानी करते हैं। दवा की खरीदारी पर पक्का बिल नहीं देकर सादी पर्ची पर सिर्फ दवा का दाम जोड़कर राशि की वसूली करते हैं। पक्का बिल मांगने पर दवा खरीदने वालों के साथ दुकानदार तू-तू-मैं-मैं पर उतारू हो जाते हैं। वे कहते हैं कि भीड़ छंटने तक बिल का इंतजार करना होगा। वहीं दवा दुकान के निरीक्षण के नाम पर औषधी निरीक्षक महज खानापूरी ही करते हैं। सूत्र बताते हैं कि दवा दुकान से औषधी निरीक्षक को प्रति महीने बंधी-बंधाई रकम पहुंच जाती है। बताया जाता है कि यह रकम निरीक्षक सीधे अपने हाथ से नहीं लेते हैं। इन्हें दलालों के माध्यम से यह राशि मिलती है।
कई मरीजों के परिजनों की शिकायत पर दैनिक जागरण की टीम सोमवार को अल्लपट्टी में कई दुकानों पर जाकर पड़ताल की तो पता चला कि सही में यहां दवा दुकानदारों की मनमानी चलती है। दुकानदार से पूछने पर साफ कहा जाता है कि वे लोग डॉक्टर को कमीशन देकर अपनी मर्जी की कंपनी की दवा लिखवाते हैं। हर सप्ताह संबंधित चिकित्सक को उनका कमीशन लिफाफे में बंद कर पहुंचा देते हैं। कई दुकानों में फ्रीज खराब थे। पूछने पर दुकानदारों ने कहा कि सब चलता है। इसी बात के लिए तो औषधी निरीक्षक व वहां के कर्मियों की सेवा के अलावा निर्धारित राशि भी पहुंचवा देते हैं। दुकानदारों ने साफ-साफ कहा कि विभाग से उनलोगों को कोई डर नहीं है। कभी-कभार कानून पढ़ने वाले कस्टमर के आने से परेशानी होती है, जिसे दवा ही नहीं देते। इसी क्रम में टीम गंगासागर दोनार विपिन सदन स्थित विश्वास मेडिकल हॉल पहुंची। एक मरीज ने दवा लेने के बाद जब पक्का बिल मांगा तो दुकानदार उससे तू-तू-मैं-मैं पर उतारू हो गए। पहले तो उसने बिल देने से साफ मना कर दिया। लेकिन, जब ग्राहक बिल लेने पर अड़ गए तो दुकानदार ने कहा जब भीड़ समाप्त हो जाएगा तब ही उन्हें बिल देंगे। तबतक इंतजार करना पड़ेगा। इस बावत जब टीम ने ग्राहक मनोहर सहनी से पूछा तो उन्होंने कहा कि बिल लेना उनका अधिकार है। वे जिस कंपनी में काम करते हैं। वहां से उन्हें बिल देने पर भुगतान मिल जाता है।
बिल नहीं देने की बात पर जब टीम ने विश्वास मेडिकल हॉल पर बैठे दुकानदार से पूछा तो उन्होंने कहा कि जो लोग बिल मांगते हैं, उन्हें बिल देते हैं। नहीं मांगने पर बिल नहीं देते। दुकानदार ने कहा कि भीड़ के कारण बाद में किसी नाम पर बिल काटकर उसे फेंक देते हैं।
------------
दवा दुकानदारों को बिना चिकित्सक के पर्ची का दवा नहीं बेचना है। कोई भी दवा बेचने पर उसका पक्का बिल देना है। अगर कोई दुकानदार यह कहते हैं कि बिल मांगने पर ही ग्राहक को बिल देते हैं। नहीं मांगने पर देना जरूरी नहीं समझते हैं। वैसे दुकानदारों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने लगातार दुकानों के निरीक्षण की बात कहते हुए किसी तरह के लेन-देन को बेबुनियाद करार दिया।
अरूण प्रसाद
औषधी निरीक्षक