पटना [वेब डेस्क]। बांग्लादेश में आतंकी हमले के बाद चर्चा में आए इस्लाम के विवादित धर्मप्रचारक डॉ. जाकिर नाइक के खिलाफ बिहार के बक्सर कोर्ट में मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकदमा अधिवक्ता शशिकांत उपाध्याय ने सीजेएम कोर्ट में दर्ज कराया है। नाईक के तार बिहार से भी जुड़े मिले हैं। पटना के गांधी मैदान व गया ब्लास्ट में गिरफ्तार आतंकियों के पास से जाकिर के वीडियो व पुस्तकें मिली थीं।
बक्सर के सीजेएम कोर्ट में दर्ज मुकदमा में नाईक पर धार्मिक उन्माद फैलाने और देशद्राेह के आरोप लगाए गए हैं। भिन्न धाराओं के तहत दर्ज मुकदमे में डॉ. जाकिर नाइक पर आरोप लगाया गया है कि वह अपने शो के दौरान राष्ट्रीय और धार्मिक उन्माद फैलाने की बातें करता रहा है, जिससे देश की छवि धूमिल होती है।
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विदित हाे कि पीस टीवी के संस्थापक व धर्मोपदेशक डॉ. जाकिर नाईक का बिहार कनेक्शन भी रहा है। वह 2012 में किशनगंज में सभा कर चुका है। इतना ही नहीं, आतंकियों के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कुख्यात रहे दरभंगा के बाढ़ समैला गांव स्थित एक लाइब्रेरी से जाकिर की पुस्तकें मिली हैं।
नाईक अपनी तकरीरों के माध्यम से आतंकियों की पौध तैयार करने में प्रेरक की भूमिका निभाता रहा है। बांग्लादेश में हुए हालिया ब्लास्ट के बाद पकड़े गये आतंकियों के पास से जाकिर नाईक के भड़काऊ भाषण वाले वीडियो मिले हैं।
2012 में किशनगंज में की थी सभा
जाकिर नाईक के बिहार कनेक्शन की बात करें तो वह 2012 के अप्रैल महीने में किशनगंज का दौरा कर चुका है। उसकी सभा में करीब 10 लाख लोगों की भीड़ उमड़ी थी। जाकिर बहाबी सम्प्रदाय से आता है। अनुयायियों के बीच वह अल हदीस या सलफी के नाम से भी जाना जाता है।
आतंकियों को करता रहा प्रेरित
आरोप है कि जाकिर धर्म प्रचार के साथ आतंकियों की पौध भी तैयार करने में मदद करता रहा है। बिहार व झारखंड में हुए आतंकी हमलों के तार भी उससे जुड़े बताए जा रहे हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार अलकायदा, सिमी, आइएम और आइएसआइएस संगठन में शामिल ज्यादातर आतंकी जाकिर नाईक की पुस्तकों और तकरीरों के प्रेरित होते रहे हैं।
पटना व गया ब्लास्ट से जुड़े तार
पटना के गांधी मैदान में 27 दिसंबर 2014 को हुंकार रैली के दौरान बम ब्लास्ट और गया ब्लास्ट में आइएम और सिमी की भूमिका उजागर हुई थी। हमले के आरोप में गिरफ्तार इम्तियाज, हैदर और मुजीब के पास से जाकिर नाईक की पुस्तकें और वीडियो बरामद किये गये थे। एनआइए की सीजर में जाकिर इसकी चर्चा है।
आतंकियों के प्रशिक्षण केंद्र से मिली किताबें
बीते कुछ साल पहले दरभंगा के बाढ समैला गांव में आतंकियों का प्रशिक्षण और भर्ती केंद्र चलता था। वहां की एक लाइब्रेरी में जाकिर की अनेक पुस्तकें मिली थीं। हालांकि, यासिन भटकल की गिरफ्तारी के बाद वहां की गतिविधियों पर रोक लग गई।
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