मुफ्ती की स्वच्छता की अनूठी पहल, बिना शौचालय नहीं पढ़ाएंगे निकाह
बिहार के सहरसा में एक मुफ्ती ने निकाह पढ़ाने के लिए शौचालय की शर्त रखी है। उसने कहा है कि इस्लाम में स्वच्छता का बड़ा महत्व है। ...और पढ़ें

सहरसा [राजेश राय]। बिहार के सहरसा में एक मुफ्ती ने स्वच्छता की अनूठी पहल की है। उसने घोषणा की है कि जिस घर में शौचालय नहीं होगा, वहां निकाह नहीं पढ़वाएंगे।
सहरसा के नवहट्टा प्रखंड के मुफ्ती कासमी देश में चल रहे स्वच्छता अभियान से काफी प्रभावित हैं। वे पिछले आठ वर्षों में 400 से अधिक निकाह करवा चुके हैं। कासमी कहते हैं कि इस्लाम में स्वच्छता का बड़ा महत्व है। कुरान और हदीस की रोशनी में धर्मगुरुओं और समाज द्वारा तय किए गए नियमों को शरीयत का मसला कहते हैं। इसमें पाकीजगी व पवित्रता पर जोड़ दिया गया है।
मुफ्ती कासमी आठ वर्षों से फतवा नवीसी का काम कर रहे हैं। वे एक प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षक भी हैं। वे अपने स्कूल के बच्चों को भी स्वच्छता को लेकर प्रेरित करते रहते हैं।
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