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गोपालपुर पुल का मामला पहुंचा रेलमंत्री तक

भागलपुर। गोपालपुर गांव के समीप रेल ओवरब्रिज संख्या 149 के तोड़ने का मामला रेलमंत्री सुरेश प्रभु तक पह

By Edited By: Published: Sun, 24 Apr 2016 02:17 AM (IST)Updated: Sun, 24 Apr 2016 02:17 AM (IST)
गोपालपुर पुल का मामला पहुंचा रेलमंत्री तक

भागलपुर। गोपालपुर गांव के समीप रेल ओवरब्रिज संख्या 149 के तोड़ने का मामला रेलमंत्री सुरेश प्रभु तक पहुंच गया है। शनिवार भाजपा नेता दीपक सिंह ने रेलमंत्री व मालदा रेल मंडल के डीआरएम राजेश अर्गल को ट्वीट कर कहा है कि गोपालपुर गांव के समीप अंग्रेजों के जमाने में बना रेल ओवर ब्रिज भागलपुर के लिए लाइफ-लाइन बन गया है। पुल के ध्वस्त होने पर दर्जनों गांवों के बच्चों, मरीजों व गरीबों को आने-जाने में परेशानी होगी। उन्होंने पुल के बगल में डायवर्जन बनाने की मांग की। इस पर रेलवे ने दीपक सिंह को जवाब भेजकर कहा है कि छोटी गाड़ियों को ले जाने के लिए गोपालपुर गांव होकर रास्ता है। पुल संख्या 148 अंडर ब्रिज है, जिस होकर छोटी गाड़ियां जा सकती है। इसके बाद दीपक सिंह ने रेलवे अधिकारियों को स्वत: स्थल पर आकर जांच करने की मांग की।

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इधर, ग्रामीणों के पुल तोड़ने का विरोध को देखते हुए सदर एसडीओ कुमार अनुज के साथ रेलवे के अभियंताओं की टीम पुल पर जाकर स्थिति का जायजा लिया। एसडीओ के सामने रेलवे अभियंताओं ने ग्रामीणों को बताया कि पुल में डायनामाइट लगाने के लिए दो दर्जन से अधिक छेद किए गए हैं। पहले से कमजोर पुल और भी कमजोर हो गया है। लेकिन ग्रामीण कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे। ग्रामीणों का कहना था कि पुल तोड़ने से उन्हें कोई एतराज नहीं है। लेकिन आने-जाने के लिए डायवर्जन आवश्यक है। बिना डायवर्जन के पुल तोड़ने नहीं दिया जाएगा। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए फिलहाल रेल प्रशासन ने रेल ओवर ब्रिज को तोड़ने का मामला कुछ दिनों के लिए टाल दिया है। पुल तोड़ने को लेकर प्रशासनिक अधिकारी, रेलवे के अधिकारी व ग्रामीण एक साथ बैठेंगे। बैठक में लिए गए निर्णय के बाद आगे की कार्रवाई होगी। इसके बाद रेलवे ने बड़ी गाड़ियों के पुल होकर गुजरने पर रोक लगाने के ख्याल से पोकलेन मशीन के माध्यम से सड़क की खुदाई करने का प्रयास किया, ताकि लोहे का खंभा गाड़ा जा सके। इसका विरोध ग्रामीणों के साथ भाजपा नेता दीपक सिंह ने किया। भाजपा नेता सड़क की खुदाई होते देख रोने लगे और रेलवे के कार्य पर आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की खून-पसीना बहाकर वैकल्पिक बाइपास का निर्माण कराया है। तीन बीघा दो कट्ठा जमीन दान दिया गया है। उन्होंने सड़क खोदने से रेलवे को मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पुल पर वाहनों की आवाजाही रुकने से भागलपुर शहर की स्थिति बिगड़ जाएगी। 40 प्रतिशत गाड़ियां शहर से न गुजरकर वैकल्पिक बाइपास से होकर गुजरती है। इन गाड़ियों के शहर में प्रवेश करने से त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। विरोध को देखते हुए खंभा गाड़ने का भी काम रेलवे ने रोक दिया। इधर, पटरी दोहरीकरण का काम देख रहे वरीय अभियंता ने बताया कि अब रविवार को पुल तोड़ने का काम नहीं होगा। जिला प्रशासन के निर्णय के आलोक में आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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