Move to Jagran APP

किसान करें केला की वैज्ञानिक खेती

By Edited By: Published: Mon, 01 Apr 2013 01:25 AM (IST)Updated: Mon, 01 Apr 2013 01:26 AM (IST)

निज संवाददाता, भागलपुर : राज्य की खुशहाली व किसानों के आर्थिक विकास के लिए केले की बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक खेती समय की मांग है। फिलहाल राज्य में 25 हजार हेक्टेयर में इसकी खेती हो रही है। मगर, मांग के अनुरूप इसके रकबे में वृद्धि के साथ वैज्ञानिक तकनीक से इसकी उत्पादकता में वृद्धि भी आवश्यक है। लिहाजा किसान वैज्ञानिक विधि से इसकी खेती करें। यह कहना है निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. आरके सोहाने का।

loksabha election banner

उनके अनुसार पौष्टिकता की दृष्टि से भी अन्य फलों की तुलना में केला अधिक शक्तिदायक है। केले के अग्रणी उत्पादक देशों की तुलना में यहां वार्षिक उत्पादकता व उपलब्धता प्रति व्यक्ति 75 किलो से भी कम है।

------------------------

नया बाग लगाने में इन बातों का रखें ख्याल

-स्थान का चुनाव, फलों व उनकी जातियों का चुनाव, भूमि का रेखांकन, पेड़ लगाने का उपयुक्त समय

-लगाने का समय-जून के अंतिम सप्ताह से अगस्त तक

-लगाने की दूरी-लंबा प्रभेद 2.5 मी. गुने 2.5 मी., बौना प्रभेद -1.5 मी. गुने 1.5 मी.

------------------------

यहां हो रही व्यवसायिक खेती

वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फपुर, मधेपुरा, खगड़िया, कटिहार, पूर्णिया एवं भागलपुर जिला का नवगछिया

------------------------

ये हैं केले की उन्नत किस्में

बरसाई, कस्तूरी, हरीछाल, रोबस्टा, मालभोग, चीनी, पंपा, अल्पान एवं जी-9,

सब्जी के लिए- बतीसी, बीबी बतीसी, कोठिया, मुठिया, बनकेल एवं भोस

------------------------

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.