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    ब्रिटेन का खालिस्तान प्रेम कायम! स्टार्मर राज में भी कोई एक्शन नहीं; भारतीय दूतावास पर हमले के आरोपी अब तक गिरफ्त से बाहर

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 09:35 AM (IST)

    Keir Startmer and UK Khalistan protest लंदन में भारतीय दूतावास के सामने 2023 में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शन के आरोपी अभी तक नहीं पकड़े गए हैं। कीर स्टार्मर के प्रधानमंत्री बनने के बाद लगा था कि खालिस्तानी समर्थकों पर शिकंजा कसा जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। NIA की जांच में 45 संदिग्धों के नाम सामने आए थे।

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    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, लंदन। 19 मार्च 2023...यह वही तारीख है जब ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय दूतावास के सामने खालिस्तानी समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन को अंजाम दिया था। भारतीय उच्चायोग के सामने तिरंगे का अपमान किया गया। आलम यह था कि भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा के लिए स्कॉटलैंड यार्ड के 2 पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा।

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    इस घटना को 2 साल बीत चुके हैं। मगर दो साल बाद भी इस घटना के आरोपी पकड़े नहीं गए हैं। आज से ठीक 1 साल पहले ब्रिटेन में सत्ता बदली और नए प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने सरकार बनाई।

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    कीर स्टार्मर की सरकार को 1 साल पूरा

    कीर स्टार्मर को प्रधानमंत्री बने आज 1 साल पूरे हो गए हैं। 5 जुलाई 2024 को उन्होंने ब्रिटेन के पीएम के रूप में सत्ता संभाली थी। इस दौरान सभी को लगा शायद कीर स्टार्मर खालिस्तानी समर्थकों पर शिकंजा कसेंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। ब्रिटेन का खालिस्तान प्रेम दिन-ब-दिन परवान चढ़ रहा है।

    उम्मीदों पर फेरा पानी

    लेबर पार्टी के रूप में 17 साल बाद ब्रिटेन में कोई दूसरी पार्टी सत्ता में आई थी। वहीं, चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय मूल के मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के लिए कीर स्टार्मर ने कई बड़े कदम उठाए। उन्होंने भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को बढ़ावा देने की पहल की। हिंदू मंदिर के दौरे से लेकर भारत के पक्ष में बयान देने जैसी चीजों ने कीर स्टार्मर की जीत का रास्ता आसान कर दिया। मगर सत्ता पर काबिज होने के बाद कीर सरकार का भी खालिस्तान के प्रति लगाव बढ़ने लगा।

    लंदन में खालिस्तानी हमले के बाद भारतीय दूतावास के बाहर लगा तिरंगा। फाइल फोटो

    खालिस्तान प्रदर्शन में निकला पाकिस्तान कनेक्शन

    ब्रिटेन से आस के बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामले की तफतीश की और 45 संदिग्धों के नाम सामने रखे। अप्रैल 2024 में एक शख्स को गिरफ्तार भी किया गया, जिसे सबूतों के अभाव में दिल्ली हाईकोर्ट ने बरी कर दिया। वहीं, हमले के दोषियों में से एक इंदरपाल सिंह गाबा को दिसंबर 2023 में अटारी बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था। गाबा पाकिस्तान से भारत में घुसने की कोशिश कर रहा था। हालांकि फरवरी 2025 में पटियाला हाउस कोर्ट ने गाबा को जमानत दे दी।

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