रंग लाई ट्रंप की कोशिशें : जल्द हो सकता है गाजा-इजरायल में सीजफायर, हमास बातचीत के लिए तैयार
हमास ने अमेरिका समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव पर बातचीत के लिए सहमति जताई है। यह निर्णय इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के अमेरिका दौरे से पहले आया है। हमास के सहयोगी संगठन इस्लामिक जिहाद ने भी समर्थन किया है लेकिन इजरायल से गारंटी मांगी है कि बंधकों की रिहाई के बाद हमले दोबारा शुरू नहीं होंगे। इजरायल ने गाजा में हमले जारी रखे हैं जिससे स्थिति गंभीर बनी हुई है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लगभग 21 महीने से जारी इजरायल और हमास के बीच युद्ध अब एक नए मोड़ पर है। हमास ने शुक्रवार को कहा कि वह अमेरिका की ओर से समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव पर बातचीत के लिए तैयार है।
हमास की तरफ से ये बयान ऐसे समय में आया है, जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सोमवार को अमेरिका के दौरे पर जा रहे हैं। बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार युद्ध समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
हमास बातचीत को तैयार
हमास ने अन्य फलिस्तीनी गुटों से बातचीत के बाद यह निर्णय लिया है कि वह युद्धविराम प्रस्ताव पर बातचीत करना चाहता है। इस्लामिक जिहाद नाम के हमास के सहयोगी संगठन ने भी बातचीत का समर्थन किया है, लेकिन शर्त रखी है कि इजरायल यह गारंटी दे कि बंधकों की रिहाई के बाद हमले दोबारा शुरू नहीं होंगे।
पिछले दो युद्धविराम कतर, मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता से हुए थे। इसमें अस्थायी रूप से लड़ाई रुकी और बदले में बंधकों और कैदियों की अदला-बदली भी हुई।
इजरायल ने गाजा में किया हमला
बता दें, इजरायल की सेना ने गाजा के कई इलाकों में हमले किए। इनमें गाजा सिटी, खान यूनिस और रफा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। गाजा के नागरिक सुरक्षा प्रमुख मोहम्मद अल-मुघैय्यिर ने बताया कि शुक्रवार को इन हमलों में कम से कम 52 लोग मारे गए।
रिपोर्ट के मुताबिक, रफा और वादी गाजा ब्रिज जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी मदद केंद्रों के पास इंतजार कर रहे लोगों पर भी गोलीबारी हुई। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि गाजा भुखमरी की कगार पर है और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं।
60 दिनों के सीजफायर का प्रस्ताव
अमेरिका समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव में कहा गया है कि 60 दिन के युद्धविराम के दौरान हमास करीब आधे जीवित इजरायली बंधकों को रिहा करेगा और बदले में इजरायल फलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा। इस समय 49 बंधक गाजा में हैं, जिनमें से 27 की मौत की पुष्टि इजरायली सेना कर चुकी है।
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