Move to Jagran APP

चीन को झटका देगा ब्रिटेन! चीनी भाषा पढ़ाने के लिए ताइवानी शिक्षकों की मदद लेने की तैयारी

ब्रिटेन जल्द ही चीन को झटका दे सकता है। ब्रिटेन चीनी भाषा पढ़ाने के लिए चीनी शिक्षकों की जगह ताइवानी शिक्षकों की मदद लेने की तैयारी में है। कन्फयूशियस लंग्वेज लर्निंग एंड टीचिंग प्रोजेक्ट में शिक्षकों की छंटनी की जा रही है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 20 Sep 2022 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 20 Sep 2022 06:15 PM (IST)
चीन को झटका देगा ब्रिटेन! चीनी भाषा पढ़ाने के लिए ताइवानी शिक्षकों की मदद लेने की तैयारी
चीन को झटका देने की तैयारी में ब्रिटेन! (प्रतीकात्मक तस्वीर)

लंदन, एजेंसी। चीन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए ब्रिटेन अब कन्फ्यूशियस संस्थानों में चीनी भाषा पढ़ाने के लिए चीनी शिक्षकों की जगह ताइवानी शिक्षकों की मदद लेने की तैयारी में है। इसके लिए ब्रिटिश सांसदों का एक दल ताइवान से बातचीत कर रहा है।

loksabha election banner

ताइपे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में चीन सरकार की मदद से चल रहे कन्फयूशियस लंग्वेज लर्निंग एंड टीचिंग प्रोजेक्ट में शिक्षकों की छंटनी की जा रही है। चीन से ब्रिटेन के लगातार खराब हो रहे द्विपक्षीय संबंधों के चलते ब्रिटिश सरकार पूरे ब्रिटेन में संचालित 30 शाखाओं के लिए अब नए शिक्षकों की तलाश कर रही है।

उल्लेखनीय है कि चीनी भाषा सिखाए जाने का यह कार्यक्रम चीनी विश्वविद्यालय के पार्टनर के रूप में ब्रिटेन विश्वविद्यालय और बीजिंग स्थित संगठन चीनी अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन के संयुक्त उपक्रम के तहत संचालित किया जा रहा है। इससे पहले 2014 में ब्रिटेन की तत्कालीन शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कन्फ्यूशियस क्लासरूम नेटवर्क की काफी प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि यह चीन की मंदारिन भाषा के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करेगा, लेकिन पिछले हफ्ते की रिपोर्ट के अनुसार, वह चीन को रूस की तरह ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताने के लिए तैयार हो गई हैं।

चीनी भाषा के मद में ब्रिटेन की सरकारें करती रही हैं खर्च

ताइपे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन की लगभग सभी सरकारें चीनी भाषा सिखाने के मद में खर्च करती रही हैं। आकलन के अनुसार, 2015 से 2024 तक के लिए 81 लाख डालर आवंटित किया गया है। अब ताइवान के पक्ष में नए प्रस्ताव के तहत फंड का वैकल्पिक कार्यक्रम के तहत फिर से निर्धारण किया जाएगा। यह ताजा बदलाव पिछले हफ्ते ब्रिटिश सांसद एलिका कीय‌र्न्स की ताइवान यात्रा के बाद आया है।

ये भी पढ़ें:

America: Google CEO सुंदर पिचाई पहली बार पहुंचे भारतीय दूतावास, भारत के डिजिटल भविष्य पर की राजदूत से चर्चा

Sri Lanka: श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी से संकट, सोलर पैनल के आयात के लिए भारत या चीन के मदद की दरकार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.