भारत के 'आधार' जैसा सिस्टम लाएगा ब्रिटेन, पीएम कीर स्टार्मर ने की घोषणा
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत के आधार कार्ड से प्रेरणा लेते हुए ब्रिटेन में एक मुफ्त डिजिटल आईडी योजना शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत बिना डिजिटल आईडी के किसी को भी ब्रिटेन में काम करने की अनुमति नहीं होगी। स्टार्मर ने कहा कि यह नई पहचान दस्तावेज 2029 तक लागू होने की उम्मीद है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत के 'आधार कार्ड' से प्रेरणा लेकर अपने देश में अवैध कामकाज पर अंकुश लगाने के लिए एक अनिवार्य, मुफ्त डिजिटल आईडी योजना की घोषणा की है। उनका कहना है कि देश में जो भी इस अधिकृत पहचान पत्र के बिना होगा, उसे ब्रिटेन में रोजगार नहीं मिलेगा। अधिकृत दस्तावेज की यह योजना ब्रिटेन के सभी नागरिकों व कानूनी निवासियों के लिए होगी।
यह जटिल पहचान जांचों की आवश्यकता को समाप्त करके समय की बचत करेगी, जो कागजी रिकार्ड की प्रतियों पर निर्भर होती हैं। ग्लोबल प्रोग्रेस एक्शन समिट में शुक्रवार को एक संबोधन में प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा, 'यह सरकार संसद के इस सत्र के अंत से पहले काम करने के अधिकार के लिए एक नई मुफ्त डिजिटल आइडी अनिवार्य बनाएगी।'
नए पहचान दस्तावेज 2029 तक लागू होने की उम्मीद
नए पहचान दस्तावेज 2029 तक लागू होने की उम्मीद है और ये दस्तावेज लोगों के स्मार्टफोन पर उपलब्ध होंगे, जो ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) एप और संपर्क रहित मोबाइल भुगतान की तर्ज पर होंगे। स्टार्मर ने कहा, 'यदि आपके पास डिजिटल आइडी नहीं है, तो आपको 'यूनाइटेड किंगडम' में काम करने की अनुमति नहीं होगी।' ऐसी ही योजनाओं में भारत से प्रेरित होते हुए दस डाउनिंग स्ट्रीट ने भारत के 'आधार कार्ड' को बेंचमार्क माना है।
आधार कार्ड योजना से भारत सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं में धांधली और लीकेज रोक कर सालाना करीब दस अरब डालर की बचत की है। नई योजना दुनिया भर में पहले से चल रहे डिजिटल पहचान प्रणालियों के 'सर्वश्रेष्ठ पहलुओं' का चयन करेगी, जिसमें भारत, आस्ट्रेलिया, एस्टोनिया और डेनमार्क शामिल हैं। स्टार्मर ने स्वीकारा कि लेबर पार्टी ने प्रवासन पर सख्ती में संकोच किया है। उन्होंने कहा, 'हमें यह जानने की आवश्यकता है कि हमारे देश में कौन है।'
व्यक्तियों को अपनी आईडी ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी या उन्हें इसे हर समय प्रस्तुत करने के लिए नहीं कहा जाएगा, लेकिन यह देश में काम करने के अधिकार को साबित करने के लिए अनिवार्य होगी। डिजिटल आईडी योजना को डिजाइन करते समय सरकार सुनिश्चित करेगी कि यह उन लोगों के लिए भी काम करे जो स्मार्टफोन इस्तेमाल नहीं करते। नई डिजिटल आइडी किसी की पहचान और इस देश में उनके निवास स्थिति का प्रमाण होगी। इसमें नाम, जन्म तिथि, राष्ट्रीयता या निवास स्थिति की जानकारी और बायोमीट्रिक सुरक्षा के साथ एक फोटो शामिल होगी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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