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    शोधकर्ताओं का दावा, कोरोना महामारी के दौर में बाजार में है घटिया सैनिटाइजर्स की भरमार

    By Dhyanendra SinghEdited By:
    Updated: Sun, 14 Jun 2020 07:34 PM (IST)

    इंटरनेशन जर्नल ऑफ फार्मासूटिक्स में प्रकाशित एक लेख में शोधकर्ताओं ने कहा कहा कि एल्कोहल के कम या अपर्याप्त मिश्रण वाले सैनिटाइजर सबसे ज्यादा घातक हो सकते हैं

    शोधकर्ताओं का दावा, कोरोना महामारी के दौर में बाजार में है घटिया सैनिटाइजर्स की भरमार

    लंदन, प्रेट्र। कोरोना महामारी के दौर में सैनिटाइजर का प्रयोग काफी बढ़ गया है। संक्रमण से बचने के लिए लोग इसका खूब प्रयोग करने लगे हैं। मांग बढ़ने के साथ बाजार में अच्छे के साथ-साथ घटिया सैनिटाइजर भी खूब बिकने लगे हैं। जानकारी के अभाव में या सस्ते के चक्कर में लोग इनका इस्तेमाल भी खूब कर रहे हैं। लेकिन इनके इस्तेमाल में हमें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। इससे त्वचा संबंधी रोग हो सकते हैं। एक अंतराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की टीम ने भी लोगों को चेताते हुए यह दावा किया है कि बाजार में घटिया क्वालिटी के सैनिटाइजर की भरमार हो गई है। इसके प्रयोग में सावधानी बेहद जरूरी है। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने एक प्रभावी हैंड सैनिटाइजर बनाने के विधि और उनके पीछे छिपे विज्ञान के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी है।

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    इंटरनेशन जर्नल ऑफ फार्मासूटिक्स में प्रकाशित एक लेख में शोधकर्ताओं ने कहा कहा कि एल्कोहल के कम या अपर्याप्त मिश्रण वाले सैनिटाइजर सबसे ज्यादा घातक हो सकते हैं और वास्तव में यह सबसे बड़ा जोखिम भी है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ह‌र्ड्सफील्ड के शोधकर्ताओं ने कहा कि ये सैनिटाइजर बाहर से देखने में आम सैनिटाइजर ही लगते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि ये कीटाणुओं का नाश नहीं कर पाते हैं। महामारी जैसे दौर में ये बिल्कुल भी प्रभावी नहीं होते हैं।

    जागरुकता अभियान चलाए जाने की है जरूरत

    शोधकर्ताओं ने कहा कि फार्मासिस्ट और खुदरा विक्रेताओं को ग्राहकों को कोविड-19 संक्रमण नियंत्रण के लिए उपयुक्त उत्पादों के चयन की सलाह देने के साथ-साथ जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि लोग घटिया और अच्छे सैनिटाइजर में फर्क कर सकें और कोरोना वायरस का संक्रमण भी रोका जा सके। इसके अलावा विशेषज्ञों ने विनियामक निकायों से अपने वर्तमान नियमों को हैंड सैनिटाइजर पर फिर से जारी करने का आग्रह किया है। शोधकर्ताओं ने कहा यदि हम लोगों को जागरूक कर पाएंगे तो निश्चित तौर पर हैंड सैनिटाइजर की अस्पतालों में हो रही किल्लत को दूर कर सकेंगे। क्योंकि इसकी सबसे ज्यादा जरूरत अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों को है।

    इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने वैज्ञानिक आधार है हाथों की सफाई का विश्लेषण किया। जिसमें उन्होंने पाया कि लगातार सैनिटाइजर से हाथ साफ करने से बेहतर है कि समय-समय साबुन और पानी से हाथ धोते रहें। इससे हाथों में मौजूद कीटाणु 99 फीसद तक खत्म हो जाते हैं। लेकिन जब पानी और साबुन उपलब्ध न हो तो अच्छी गुणवत्ता वाले सैनिटाइजर प्रभावी हो सकता है।