सैनिटाइजर में एथेनॉल के इस्तेमाल पर बैन लगा सकता है यूरोपियन यूनियन, क्या है वजह?
यूरोपीय संघ (EU) सैनिटाइजर में एथेनॉल की मात्रा को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहा है, क्योंकि यूरोपीय केमिकल एजेंसी (ECHA) ने इसे त्वचा के लिए हानिकारक, कैंसर और गर्भावस्था संबंधी समस्याओं का कारण बताया है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले इसे सुरक्षित कहा था। इस मुद्दे पर नवंबर में ECHA की बायोसाइडल प्रोडक्ट कमेटी की बैठक में फैसला होने की उम्मीद है।

सैनिटाइजर में एथेनॉल के इस्तेमाल पर EU लगा सकता है प्रतिबंध। फोटो - रायटर्स
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना काल के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल काफी आम हो गया है। कई लोग हाथों को जर्म्स फ्री रखने के लिए सैनिटाइजर यूज करते हैं। मगर, यूरोपियन यूनियन (EU) अब इसमें बड़ा बदलाव करने जा रहा है। EU सैनेटाइजर में एथेनॉल की मात्रा पर प्रतिबंध लगा सकता है।
समाचार एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सैनिटाइजर में एथेनॉल का इस्तेमाल होता है, जो त्वचा के लिए हानिकारक है और इससे कैंसर का खतरा भी हो सकता है।
बैठक में होगा फैसला
यूरोपियन केमिकल एजेंसी (ECHA) ने इसका सुझाव दिया है। ECHA ने एथेनॉल को जहरीला बताते हुए इससे कैंसर और प्रेग्नेंसी में परेशानी होने की संभावना जताई है। ऐसे में सैनिटाइजर में एथेनॉल की जगह किसी और चीज का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है। वहीं, आगामी 25-28 नवंबर के बीच ECHA की बायोसाइडल प्रोडक्ट कमेटी की बैठक होनी है, जिसमें इसपर फैसला हो सकता है।
ECHA के अनुसार,
अगर बैठक में यह साबित हो जाता है कि एथेनॉल एक कार्सिनोजेनिक (जहरीला) पदार्थ है, तो इसके विकल्प पर चर्चा हो सकती है। हालांकि, इसपर आखिरी फैसला यूरोपियन कमीशन का ही होगा।
WHO ने बताया था सुरक्षित
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एथेनॉल और इसोप्रोपानॉल को हाथों के लिए सुरक्षित बताया है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यूरोपियन यूनियन इसपर क्या फैसला करता है? रायटर्स के अनुसार, यूरोपियन केमिकल एजेंसी ने इसपर बात करने से साफ मना कर दिया है।
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