तेज हवा चली और मुंह में घुस गया पत्ता, थूकते ही बुजुर्ग पर लगा 30 हजार का जुर्माना
एक बुजुर्ग व्यक्ति को उस समय अजीब स्थिति का सामना करना पड़ा जब तेज हवा के कारण उनके मुंह में एक पत्ता चला गया। पत्ते को थूकने पर उन पर 30,000 रुपये का ...और पढ़ें

रॉय मार्श नाम के बुजुर्ग को लिंकनशायर के स्केगनेस इलाके में यह जुर्माना देना पड़ा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंग्लैंड में 86 साल के एक बुजुर्ग को सिर्फ एक पत्ता थूकने के लिए करीब 30 हजार रुपये का जुर्माना ठोंक दिया गया। यह पत्ता हवा से उनके मुंह में उड़कर आ गया था और उन्होंने उसे बाहर निकाल दिया। यह मामला इतना अजीब है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोग अधिकारियों की सख्ती पर सवाल उठा रहे हैं।
रॉय मार्श नाम के इस बुजुर्ग को लिंकनशायर के स्केगनेस इलाके में यह जुर्माना देना पड़ा। वे जॉगिंग पर थे और बोइटिंग लेक के पास आराम कर रहे थे। अचानक तेज हवा चली और एक बड़ा पत्ता उनके मुंह में घुस गया। उन्होंने उसे तुरंत थूक दिया।
30 हजार रुपये का जुर्माना
बीबीसी ने रॉय मार्श के हवाले से बताया, "मैं वहां बैठा था, तभी तेज हवा ने एक बड़ा रीड (पत्ता) मेरे मुंह में उड़ा दिया। मैंने उसे थूक दिया और जैसे ही उठकर चलने लगा, दो अधिकारी मेरे पास आ गए।"
एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने उन्हें जमीन पर थूकते देखा है। रॉय ने जवाब में उन्हें 'सिली बॉय' कह दिया। लेकिन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की और 250 पाउंड (करीब 30 हजार रुपये) का जुर्माना लगा दिया।
बाद में अपील पर यह जुर्माना घटाकर 150 पाउंड (करीब 18 हजार रुपये) कर दिया गया, जिसे रॉय ने भर दिया। वे कहते हैं, "यह सब अनावश्यक था और बहुत ज्यादा हो गया। ऐसा किसी के साथ भी हो सकता था। अब मुझे बाहर निकलने में डर लगता है।"
बेटी ने सोशल मीडिया पर जताई नाराजगी
रॉय की बेटी जेन मार्श फिट्जपैट्रिक ने फेसबुक पर पूरी कहानी लिखी। उन्होंने बताया कि उनके पिता को चलने में दिक्कत है, गंभीर अस्थमा और दिल की बीमारी है। फिर भी वे रोज बोइटिंग लेक के आसपास टहलते हैं।
जेन ने लिखा, "पापा ने एक छोटा पत्ता मुंह में आने से दम घुटने लगा। उन्होंने खांसकर पत्ता थूक दिया, सिर्फ पत्ता। तुरंत एक अधिकारी आया, बहुत रूखे तरीके से बात की और जुर्माना ठोंक दिया।"
जेन ने आगे कहा कि अधिकारी बुजुर्गों को बिना वजह परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "शहर को साफ रखना जरूरी है, इसमें कोई शक नहीं। लेकिन ये अधिकारी बुजुर्गों को अनावश्यक तरीके से डरा रहे हैं और परेशान कर रहे हैं। यह पूरी तरह गलत है।"

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