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    रूस के खाद्यान्न निर्यात समझौता तोड़ने से दुनियाभर में बेचैनी, EU का रूस से निर्णय पर पुनर्विचार का अनुरोध

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Mon, 31 Oct 2022 04:45 AM (IST)

    यूरोपीय यूनियन (EU) ने रूस से अनुरोध किया है कि वह यूक्रेन से खाद्यान्न निर्यात का समझौता तोड़ने के निर्णय को बदले। इस निर्णय से विश्व में खाद्यान्न संकट का खतरा पैदा हो जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के निर्णय को पूरी तरह से क्रूरतापूर्ण बताया है।

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    रूस के खाद्यान्न निर्यात समझौता तोड़ने से दुनियाभर में बेचैनी।

    कीव, रायटर। यूरोपीय यूनियन (EU) ने रूस से अनुरोध किया है कि वह यूक्रेन से खाद्यान्न निर्यात का समझौता तोड़ने के निर्णय को बदले। इस निर्णय से विश्व में खाद्यान्न संकट का खतरा पैदा हो जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के निर्णय को पूरी तरह से क्रूरतापूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से विश्व में भुखमरी की समस्या बढ़ेगी। जबकि यूक्रेन ने कहा है कि खाद्यान्न निर्यात के समझौते से अलग होने का रूस का निर्णय पूर्व नियोजित है।

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    रूस ने तोड़ा खाद्यान्न निर्यात समझौता

    बता दें कि काला सागर में शनिवार को रूसी नौसेना पर यूक्रेन के ड्रोन हमले के बाद रूस ने संयुक्त राष्ट्र के प्रयास से जुलाई में हुआ खाद्यान्न निर्यात समझौता तोड़ने की घोषणा की थी। इसके कारण काला सागर के जरिये यूक्रेनी खाद्यान्न का निर्यात एक बार फिर से रुक गया है। यूक्रेन का समुद्री यातायात केवल काला सागर के जरिये होता है और फरवरी से ही रूसी नौसेना ने पूरे जल क्षेत्र में नाकेबंदी कर रखी है।

    क्या है खाद्यान्न निर्यात समझौता?

    जुलाई में रूस, यूक्रेन और तुर्किये के बीच हुए समझौते के बाद रूस ने सागर का एक हिस्सा मालवाही जहाजों के आवागमन के लिए खोल दिया था। लेकिन अब वह फिर से बंद कर दिया गया है। जुलाई में हुआ समझौता 120 दिनों के लिए था और यह 19 नवंबर तक चलना था। इसके आगे भी जारी रहने की उम्मीद थी। लेकिन रूसी नौसेना के बेड़े पर हुए हमले ने स्थिति बदल दी। इस समझौते के कारण अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने रूस पर लगे प्रतिबंधों में ढील देते हुए रूसी खाद्यान्न के निर्यात की भी छूट दे दी थी। लेकिन अब रूस को मिली छूट भी खत्म हो सकती है।

    EU ने रूस से निर्णय वापस लेने का किया अनुरोध

    रविवार को EU के विदेशी मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि रूस के फैसले से दुनिया में खाद्यान्न और उर्वरक की किल्लत पैदा हो जाएगी। इसलिए हम रूस से अनुरोध करते हैं कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। जबकि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि रूस खाद्यान्न को हथियार बना रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र और अमीर देशों के संगठन जी 20 से रूस को कड़ा जवाब देने के लिए कहा है।

    खाद्यान्न निर्यात समझौता भंग होने से संकट होगा उत्पन्न

    जेलेंस्की ने कहा कि रूस का यह कदम अफ्रीका और एशिया महाद्वीपों को मुश्किल में डालने वाला है। यूक्रेन के अनुसार इस समय उसके करीब 200 जहाज काला सागर में जहां-तहां फंसे हुए हैं। इनमें से ज्यादातर में खाद्यान्न लदा हुआ है। जुलाई में समझौता होने के बाद से यूक्रेन अभी तक 90 लाख टन से ज्यादा खाद्यान्न का निर्यात कर चुका है।

    अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो ने भी रूस से खाद्यान्न निर्यात समझौता पुन: कायम करने के लिए कहा है। कहा है कि अगर यह समझौता जारी नहीं रहा तो दुनिया में खाद्य संकट पैदा हो जाएगा। इसलिए राष्ट्रपति पुतिन खाद्यान्न को हथियार बनाना बंद करें और यूक्रेन में जारी गैरकानूनी युद्ध को भी रोकें।

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