दुनिया के सबसे ठंडे शहर में -45°C पहुंचा तापमान, मिनटों में जम सकते हैं इंसान; कैसे चलती जिंदगी?
World Coldest City: साइबेरिया में स्थित याकुत्स्क दुनिया का सबसे ठंडा शहर है, जहां तापमान -45°C तक पहुंच गया है। इस भयंकर ठंड में इंसान मिनटों में जम ...और पढ़ें
-1766039971087.webp)
याकुत्स्क: दुनिया का सबसे ठंडा शहर (फोटो- रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के अधिकांश राज्यों में इन दिनों कड़ाके की ठंड़ पड़ रही है। वहीं, शीतलहर भी अपना रंग दिखाने लगी है। इस बीच आज हम आपको दुनिया की ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां का तापमान 45 डिग्री के आसपास है। आइए जानते हैं इस ठंडी जगह के बारे में...
दरअसल, हम बात कर रहे हैं रूस के साखा रिपब्लिक की राजधानी याकुत्स्क की। जहां तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। यहां तापमान माइनस 40-50 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जाना आम बात है। सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 50 डिग्री से भी नीचे गिर जाता है। जनवरी 2023 में तो यहां का तापमान माइनस 62 डिग्री तक गिर गया था।

माइनस 45 डिग्री पहुंचा तापमान
मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, साखा गणराज्य की राजधानी याकुत्स्क में इस सप्ताह यहां के तापमान में रिकार्ड गिरावट दर्ज हुई है। यहां का तापमान -45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
-1766040009577.jpg)
बता दें कि याकुत्स्क दुनिया के सबसे ठंडे शहर के रूप में जाना जाने वाला शहर है। यह शहर रूस के पूर्वी साइबेरिया में स्थित है। यहां जीवन की परिस्थितियां बेहद चुनौतीपूर्ण हैं। यहां के निवासियों के अनुसार, जरा सी लापरवाही में आदमी यहां कुछ ही मिनटों में जम सकता है।
याकुत्स्क शहर का तापमान
अगर बात करें याकुत्स्क शहर के तापमान की तो यहां के तापमान में काफी अंतर है। सर्दियों में यहां का तापमान जहां, माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। वहीं, गर्मियों में यहां का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। सबसे खास बात यह है कि यहां सर्दियों में मछली और मांस के लिए फ्रिज की भी कोई आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि वे कुछ ही क्षणों में जम जाते हैं।
-1766040029702.jpg)
कैसे चलती है जिंदगी?
याकुत्स्क शहर में रहने वाले लोग मोटी परतों वाले कपड़ों और बार-बार गर्म चाय के प्यालों के माध्यम से कठोर परिस्थितियों का सामना करते हैं। यहां सर्दियों में जब लोग घर से बाहर निकलते हैं तो ठंडी हवा फेफड़ों में एक झटके की तरह लगती है और सांस लेने में दिक्कतें होती हैं। कई बार गला भी सूख जाता है। ठंड से बचने के लिए यहां के लोग ऊंटकी ऊन से बने कपड़े और भारी-भरकम कोट पहनते हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।