Vladimir Putin: चुनाव जीते व्लादिमीर पुतिन, 2030 तक बने रहेंगे रूस के राष्ट्रपति; दस सालों में बदली देश की तस्वीर
रूस में तीन दिनों की मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद हुई मतगणना में कुल पड़े मतों में 87.97 मत राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मिले हैं। इस प्रकार से पुतिन ने चुनाव जीत लिया है और वह 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि रूस में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए इसलिए यह परिणाम अप्रत्याशित नहीं है।
रॉयटर्स, मॉस्को। रूस में तीन दिनों की मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद हुई मतगणना में कुल पड़े मतों में 87.97 मत राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को मिले हैं। इस प्रकार से पुतिन ने चुनाव जीत लिया है और वह 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि रूस में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए, इसलिए यह परिणाम अप्रत्याशित नहीं है।
इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया रविवार को पूर्ण हुई। कुल 11.42 करोड़ मतदाताओं में से 72.84 प्रतिशत लोगों ने तीन दिनों में मतदान किया। पुतिन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के रूप में रूस की सत्ता में 1999 से ही बने हुए हैं। खराब स्वास्थ्य के चलते बोरिस येल्तसिन ने उन्हें जब सत्ता की बागडोर सौंपी थी तब रूस अपने अस्तित्व के लिए कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा था।
पुतिन ने दस वर्षों में उन्होंने रूस की तस्वीर बदली
कहा जाता है कि एक समय पुतिन रूस को अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का हिस्सा बनाने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो गए थे। लेकिन जब उन्हें लगा कि नाटो में रूस को अपेक्षित सम्मान नहीं मिलेगा तब पुतिन अपने देश को उसका पुराना गौरव लौटाने के कार्य में जुट गए। महज दस वर्षों में उन्होंने रूस की तस्वीर बदल दी और सैन्य शक्ति में अमेरिका को चुनौती देने लगे।
सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रहने वाले नेता
अब वह जोसेफ स्टालिन को पीछे छोड़ते हुए रूस के 200 वर्षों के इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रहने वाले नेता बनने की राह पर हैं। रूस में 2024 का चुनाव तब हो रहा है जब यूक्रेन युद्ध का तीसरा वर्ष शुरू हो चुका है। इस चुनाव से पूर्व पुतिन रूस की जनता को अस्तित्व का खतरा बताते रहे हैं और उन्होंने कहा कि उनके सामने यूक्रेन पर हमला करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था।
युद्ध का जल्द अंत नजर नहीं आ रहा
अब इस युद्ध का जल्द अंत नजर नहीं आ रहा है। इस बीच पुतिन रूस की जनता में अपना विश्वास बरकरार रखने में सफल रहे हैं। इस चुनाव में उन्हें कड़े मुकाबले का सामना नहीं करना पड़ा है, बहुत कम समर्थन वाले तीन प्रत्याशी- निकोलाइ खारितोनोव, लियोनिद स्लत्स्की और व्लादिस्लाव डावन्कोव उनके सामने हैं। जबकि यूक्रेन ने इस मौके का इस्तेमाल रूस पर हमला करने के लिए किया।
चुनाव बाधित करने की कोशिशों के लिए यूक्रेन होगा दंडित
चुनाव के दौरान यूक्रेनी सेना ने सीमा पर गोलाबारी की तो रूसी रिफाइनरियों पर ड्रोन हमले हुए। पुतिन ने कहा है कि चुनाव बाधित करने की इन कोशिशों के लिए यूक्रेन को दंडित किया जाएगा। शुक्रवार और शनिवार को कई स्थानों पर पुतिन के विरोध में प्रदर्शन हुए थे और मतपत्रों को खराब करने की कोशिश हुई थी। रविवार को भी कुछ स्थानों पर पुतिन विरोधी नारेबाजी की सूचना है।
नून अंगेस्ट पुतिन का खास असर नहीं
रूस के कुल 11.42 करोड़ मतदाताओं में से 63 प्रतिशत ने शुक्रवार और शनिवार को मतदान किया था। रविवार को दिवंगत एलेक्सी नवलनी की पत्नी और उनके समर्थकों ने नून अंगेस्ट पुतिन का नारा लगाते हुए विरोध में मतदान का आह्वान किया था लेकिन मुकाबले में मजबूत प्रत्याशी न होने के कारण इस आह्वान से पुतिन को खास नुकसान हुआ। रविवार को दोपहर में मतदान केंद्रों पर युवाओं की भीड़ देखी गई थी। मतदाताओं की ऐसी ही लाइनें भारत, आस्ट्रेलिया, जापान, आर्मेनिया, कजाखस्तान, जार्जिया और अन्य देशों में स्थित रूसी दूतावासों में बनाए गए मतदान केंद्रों पर भी देखी गईं। कुल 80 लाख लोगों ने आनलाइन वोट डाला।
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