Vladimir Putin: विश्व की निगाहें पुतिन पर टिकीं, 17 मार्च को इतिहास रचने के लिए रूस तैयार
यूक्रेन के साथ छिड़े युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति के रूप में एक और छह साल के कार्यकाल के लिए तैयार हैं। शुक्रवार को रूसी नागरिकों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। ऐसा नहीं है कि पुतिन ही अकेले चुनाव लड़ रहे हैं बल्कि उनके प्रतिद्वंद्वियों में कम्युनिस्ट पार्टी के निकोलाई खारितोनोव लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के लियोनिद स्लटस्की और न्यू पीपल पार्टी के व्लादिस्लाव दावानकोव शामिल हैं।
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। यूक्रेन के साथ छिड़े युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति के रूप में एक और छह साल के कार्यकाल के लिए तैयार हैं। शुक्रवार को रूसी नागरिकों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस बार तीन दिनों तक वोटिंग होगी, जो 15 मार्च से शुरू होकर 17 मार्च तक चलेगी।
सत्ता पर मजबूत पकड़ के साथ ही व्लादिमीर पुतिन की अपेक्षित चुनावी जीत ने सस्पेंस बढ़ा दिया है। हालांकि, विश्व की निगाहें इस ओर टिकी हुई हैं कि चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद उनका अगला कदम क्या होगा। माना जा रहा है कि वोटिंग संपन्न होने के बाद चुनाव नतीजे आ सकते हैं।
पुतिन के सामने कौन?
ऐसा नहीं है कि पुतिन ही अकेले चुनाव लड़ रहे हैं, बल्कि उनके प्रतिद्वंद्वियों में कम्युनिस्ट पार्टी के निकोलाई खारितोनोव, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के लियोनिद स्लटस्की और न्यू पीपल पार्टी के व्लादिस्लाव दावानकोव शामिल हैं, जबकि बोरिस नादेजिन और पूर्व टीवी पत्रकार येकातेरिना डंटसोवा को फरवरी में निर्वाचन आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया।
इसके अलावा पुतिन के मुखर आलोचकों में से एक विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की चुनाव से माहभर पहले जेल में मौत हो गई।
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एकक्षत्र राज
पुतिन पिछले 24 साल से सत्ता में काबिज हैं और विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई ने उनके प्रभुत्व को और भी ज्यादा मजबूत करने का काम किया है। यूक्रेन के साथ दो साल से भी ज्यादा समय से युद्ध चल रहा है और ऐसे में रूस को पश्चिम देशों के कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, फिर भी रूसी अर्थव्यवस्था पर इसका असर न के बराबर दिखाई दे रहा है, जो मॉस्को की मजबूती रणनीतिक कौशल की सफलता है।
चुनाव के बाद क्या होगा अगला कदम?
पुतिन की अपेक्षित जीत के बाद उनके अगले कदमों पर अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि पुतिन कड़े नियमों को लागू कर सकते हैं। उन्होंने पिछले साल एलजीबीटीक्यू+ समुदाय को बड़ा झटका देते हुए समलैंगिक विवाह और लिंग परिवर्तन पर प्रतिबंध लगाते हुए फैमिली वैल्यूज को बढ़ाने की बात कही थी।
सनद रहे कि रूस में चुनावी तैयारियां संपन्न हो चुकी हैं और मतदान चल रहा है। ऐसे में दुनिया घरेलू और विदेशी नीतियों में संभावित बदलावों को लेकर सतर्क और आशंकित नजर आ रही है।