यूक्रेन के हमलों से तबाह हो रही रूस की इकोनॉमी, ऑयल रिफाइनिंग में 17 फीसदी की आई कमी
यूक्रेन ने रूस पर हाल के दिनों में हमले बढ़ाए हैं जिससे रूस को भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेनी हमलों से रूस की तेलशोधन क्षमता में 17 प्रतिशत की कमी आई है और उसका निर्यात प्रभावित हुआ है। रूस में गैसोलीन की भारी कमी हो रही है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रयासों के बीच हाल के दिनों में यूक्रेन ने रूस पर हमले बढ़ाए हैं। उसके किए ड्रोन हमलों से रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। कुछ ही हफ्तों में यूक्रेन ने रूस के 10 तेलशोधक कारखानों, एक परमाणु बिजलीघर, ईंधन भंडारों और कई बंदरगाहों को निशाना बनाया है।
बताया गया है कि यूक्रेनी हमलों से रूस की तेलशोधन क्षमता में 17 प्रतिशत की कमी आई है और उसका निर्यात प्रभावित हुआ है। कुछ दिन पहले तक चीन और भारत को तेल आपूर्ति कर रहा रूस विश्व का दूसरे नंबर का तेल निर्यातक देश था।
रूस में गैसोलीन की भारी कमी
यूक्रेनी हमलों से तेलशोधक कारखानों की शोधन क्षमता प्रभावित होने से सर्दी के मौसम से ठीक पहले गैसोलीन की कमी महसूस की जा रही है। घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए रूस ने जुलाई से गैसोलीन के निर्यात पर रोक लगाई हुई है। रूस के नियंत्रण वाले यूक्रेनी इलाकों, दक्षिणी रूस और देश के पूर्वी भाग में गैसोलीन की भारी कमी महसूस की जा रही है।
क्रीमिया, व्लादिवोस्तक और कुछ अन्य स्थानों पर गैसोलीन स्टेशनों पर कारों की लंबी लाइन देखी जा रही है। इसके महंगे होने से घरों का बजट बिगड़ रहा है। साढ़े तीन वर्ष से जारी यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़े रक्षा खर्च, पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और यूक्रेन के हमलों से हो रहे नुकसान ने हाल के महीनों में रूस की अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसीलिए अब शांति की राह तलाश रहे हैं और ट्रंप की मध्यस्थता में सम्मानजनक समझौता कर युद्ध खत्म करना चाहते हैं।
(न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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