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    यूक्रेन युद्ध के चलते सर्दियों में बुरी तरह से डूब जाएगी रूस की अर्थव्‍यवस्‍था, देश के अर्थशास्‍त्री का दावा

    रूस के अर्थशास्‍त्री मान रहे हैं कि राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के गलत फैसलों की वजह से देश की अर्थव्‍यवस्‍था सर्दियों में डूब जाएगी। इनका ये भी कहना है कि आने वाले दिन रूस के लोगों के लिए अच्‍छे नहीं होंगे।

    By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 29 Sep 2022 05:43 PM (IST)
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    सर्दियों में पुतिन के चलते डूब जाएगी रूस की अर्थव्‍यवस्‍था

    नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। रूस और यूक्रेन के युद्ध को 7 माह से अधिक का समय हो चुका है। इस दौरान जहां यूक्रेन को जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा है वहीं रूस भी इससे अछूता नहीं रहा है। अब रूस के ही अर्थशास्‍त्री मान रहे हैं कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के दौर में सर्दियों में डूब जाएगी। ये दावा व्‍लादिस्‍लेव इनोजेमत्‍सेव (Vladislav Inozemtsev) ने किया है। उनका कहना है कि रूस के लोग जल्‍द ही पार्टी करना, विदेशों में घूमना और शापिंग करना भूल जाएंगे। रूस और यहां के लोगों की जिंदगी आम नहीं रहेगी, क्‍योंकि देश की आर्थिक स्थिति यूक्रेन युद्ध की बदौलत बुरी तरह से चरमरा जाएगी।

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    यूक्रेन से युद्ध को तीन लाख की रिजर्व फोर्स 

    व्‍लादिस्‍लेव के मुताबिक दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद पहली बार ये देखने को मिला है कि रूस ने अपनी सेना को मोबिलाइज्‍ड करने के लिए आदेश जारी किया है। रूस ने तीन लाख रिजर्व जवानों को यूक्रेन युद्ध के लिए बनाए रखने का आदेश पारित किया है। उनके मुताबिक इसका अर्थ है कि राष्‍ट्रपति पुतिन को इस बात का अंदेशा है कि देश किस राह पर जा रहा है। यूक्रेन युद्ध में रूस की अर्थव्‍यवस्‍था तबाह होने के कगार पर पहुंच चुकी है।

    फोर्स मोबिलाइजेशन का फैसला

    राष्‍ट्रपति पुतिन की तरफ से जो आदेश जारी किया गया है उसके मुताबिक, देश के 18-30 उम्र के युवाओं को लेकर 3 लाख की रिजर्व फौज हर वक्‍त तैयार रखनी है। इसमें शामिल होने वालों के पास ऐसा न करने का कोई विकल्‍प नहीं है। रूसी अर्थशास्‍त्री का ये भी कहना है कि हाल ही में जिस तरह से राष्‍ट्रपति के फैसले का विरोध हुआ है वो ये बताता है कि देशवासी इस युद्ध के हक में नहीं हैं। उन्‍हें भी देश की खराब हालत का अंदाजा है। देशभर में हुए प्रदर्शनों में 3 हजार से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

    यूक्रेन युद्ध के विनाशकारी परिणाम होंगे

    बता दें कि व्‍लादिस्‍लेव सेंटर फार रिसर्च आन पोस्‍ट इंडस्ट्रियल स्‍टडीज के डायरेक्‍टर हैं, जो मास्‍को बेस्‍ड थिंक टैंक है। उन्‍होंने कहा कि देश विनाशकारी स्थिति की तरफ बढ़ रहा है। अपने ही राज में राष्‍ट्रपति पुतिन देश को बर्बाद होता देखेंगे। उनके मुताबिक इस वर्ष मार्च में ही उन्‍होंने इस बारे में कहा था, जो अब एक सच्‍चाई बन गया है। राष्‍ट्रपति पुतिन के सेना को मोबिलाइज्‍ड करने के आदेश ने रूस के इतिहास को दोहराने का काम किया है। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपति पुतिन का काउंटडाउन भी इसके साथ ही शुरू हो गया है। रूसी अर्थशास्‍त्री ने रूस के पब्लिकेशन के लिए ये बात कही है।

    देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन 

    व्‍लादिस्‍लेव का कहना है कि राष्‍ट्रपति के ताजा आदेश और इसके मद्देनजर हुए विरोध प्रदर्शनों ने ये भी साफ कर दिया है कि वो देश में कितने पापुलर नेता रह गए हैं। उन्‍होंने ये भी कहा कि कुछ दिन पहले ही मिलिट्री रिक्रूटमेंट सेंटर के बाहर एक जवान द्वारा गोली चलाना भी इसी के मद्देनजर था। हालांकि इस घटना का सरकार ने कोई खुलासा नहीं होने दिया। जिस जगह ये घटना घटी वो मास्‍को से करीब 115 मील की दूरी पर है। इसके अलावा एक व्‍यक्ति ने यूक्रेन में जाकर लड़ने से बेहतर आत्‍मदाह करना सोचा। रूस के शहर याकुत्‍सक में हजारों की संख्‍या में महिलाओं ने राष्‍ट्रपति के आदेश का विरोध किया है। इनकी मांग थी कि उनके बच्‍चों को यूक्रेन में मरने के लिए न भेजा जाए। उन्‍हें जिंदा छोड़ दिया जाए।  

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