Move to Jagran APP

जानें- राष्ट्रपति पुतिन और रूस की अर्थव्‍यवस्‍था पर कैसे भारी पड़ रहा है यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ना

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को 7 माह से अधिक का समय हो चुका है। इस दौरान नुकसान से दोनों में से कोई भी नहीं बच सका है। रूस को भी इस युद्ध की कीमत चुकानी पड़ी है।

By JagranEdited By: Kamal VermaPublished: Thu, 29 Sep 2022 01:02 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 01:02 PM (IST)
जानें- राष्ट्रपति पुतिन और रूस की अर्थव्‍यवस्‍था पर कैसे भारी पड़ रहा है यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ना
राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को नहीं थी ऐसी उम्‍मीद

नई दिल्ली (आनलाईन डेस्क)। रूस और यूक्रेन के युद्ध को 7 माह से ज्यादा हो चुके हैं। इसके बावजूद रूस तक इस छोटे से देश के खिलाफ जीत दर्जनहीं कर सका है। इतना ही नहीं इस जंग में अब तक उसके हजारों जवान भी मारे जा चुके हैं। रूस की ही मानें तो उसने अब तक इस जंग में अपने 6 हजार जवानों को खोया वहीं दूसरप तरफ अमेरिका रक्षा विभाग की रिपोर्ट में इस संख्या को 60-70 तक बताया गया है।

loksabha election banner

आंकड़ों में अंतर 

इस जंग में रूस और अमेरिका के आंकड़ों में इतना अंतर होना लाजमी भी है। कई देश रूस के इन आंकड़ों पर संदेह जता चुके हैं। ये बात इसलिए भी सही है क्योंकि यदि रूस इस जंग में मारे गए अपने जवानों की सही संख्या बता देगा तो वैश्विक मंच पर उसकी किरकिरी हो जाएगी। यूक्रेन ने भी अगस्त तक इस जंग में रूस के 9 हजार से अधिक जवान मारे जाने की बात कही थी। पिछले दिनों रूस के रक्षा मंत्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उसके करीब 90 फीसद घायल जवान ठीक होकर दोबारा वापस जंग के मैदान में चले गए हैं।

अर्थव्‍यवस्‍था में गिरावट की आशंका  

इस यूद्ध में रूस को हुए नुकसान की बात करें तो उसकी सही जानकारी भले ही दुनिया के सामने न आई हो, लेकिन इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रूस के सेंट्रल बैंक ने अर्थव्यवस्था में 4-6 फीसद तक गिरावट की आशंका व्यक्त की गई है। हालांकि, अप्रैल में रूस ने इसमें 8-10 फीसद तक की गिरावट आने की आशंका जताई थी।

दुनिया की बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था 

आपको बता दें कि रूस की 1 खरब डालर से भी अधिक बड़ी अर्थव्यवस्था है। ऐसे में ये गिरावट भी मामूली नहीं है। इस गिरावट की तीन सबसे बड़ी वजह हैं। इसमें पहली वजह जहां यूक्रेन से जारी जंग है तो दूसरी वजह रूस पर लगे प्रतिबंध और तीसरी वजह कोरोना महामारी है। आपको बता दें कि अमेरिका ने कुछ समय पहले रूस को डिफाल्टर घोषित किया था।

कर्ज उतारने में चूक गया रूस 

अमेरिका का कहना है कि 1918 की बोलशेविक क्रांति के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि रूस अपने घरेलू कर्ज को उतारने में चूक गया है। हालांकि रूस ने अमेरिका के इस बयान को खारिज किया था। रूस का कहना था कि वो कर्ज उतारना चाहता है लेकिन प्रतिबंध आड़े आ रहे हैं। रूस की अर्थव्यवस्था की ही यदि बात करें तो इस पर फर्क तो पड़ा है। मौजूदा समय में रूस ने यूरोप को जाने वाली गैस की सप्लाई को लगभग बंद किया हुआ है। इसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.