तालिबान को आतंकी संगठन नहीं मानेगा रूस, सूची से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी; क्या हैं इसके मायने?
2003 में तालिबान को रूस की आतंकी संगठनों की सूची में डाल दिया गया था। ऐसे संगठनों के साथ किसी भी तरह का संपर्क रूसी कानून के तहत दंडनीय है। लेकिन अब रूस की सरकार तालिबान के प्रति नरम पड़ती दिखाई दे रही है। दरअसल रूस ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर तालिबान को आतंकी संगठनों की सूची से हटाने की अपील की है।

एजेंसी, मॉस्को। रूस ने अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान को आतंकी संगठनों की सूची से हटाने के लिए कदम उठाया है। इसके लिए रूसी सुप्रीम कोर्ट में महाभियोजक कार्यालय की ओर से एक याचिका दी गई है।
इसमें तालिबान से प्रतिबंध हटाने की बात है, जिसे दो दशक पहले आतंकी संगठन के रूप में गैरकानूनी घोषित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वह महाभियोजक इगोर क्रास्नोव की ओर से दाखिल याचिका पर 17 अप्रैल को सुनवाई करेगा।
रूस ने पिछले वर्ष एक कानून अपनाया था, जिसके अनुसार, किसी संगठन का आतंकी दर्जा कोर्ट द्वारा निलंबित किया जा सकता है। 2003 में तालिबान को रूस की आतंकी संगठनों की सूची में डाल दिया गया था। ऐसे संगठनों के साथ किसी भी तरह का संपर्क रूसी कानून के तहत दंडनीय है।
पुतिन से खफा हैं ट्रंप
- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए कार्य कर रहे हैं लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भूमिका से खिन्न हैं। अगर रूस यूक्रेन में युद्धविराम लागू करने के लिए आगे नहीं बढ़ता है तो वह उसके खिलाफ अतिरिक्त शुल्कों (टैरिफ) का एलान करेंगे।
- विदित हो कि यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पहले से ही अमेरिका और यूरोपीय देशों के भारी शुल्कों का सामना कर रहा है। एनबीसी न्यूज से इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, रूसी राष्ट्रपति के यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने से वह बहुत नाराज हैं। अगर यूक्रेन में युद्धविराम की स्थिति नहीं बनी तो वह रूस पर 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत का सेकेंड्री टैरिफ लगाएंगे। यह टैरिफ रूस से तेल खरीदने वालों पर लगेगा।
क्रेमलिन ने दी बयान पर प्रतिक्रिया
लेकिन बाद में कहा कि हम अपने उद्देश्य की प्राप्ति में प्रगति कर रहे हैं और उस दिशा में एक-एक कदम आगे बढ़ रहे हैं। ट्रंप का यह बयान जेलेंस्की से उनकी आमने-सामने की तल्ख बहस के करीब एक महीने के बाद आया है। ट्रंप के बयान की प्रतिक्रिया में रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, मॉस्को वाशिंगटन के साथ मिलकर कार्य कर रहा है और राष्ट्रपति पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति के संपर्क में हैं। हम पहले द्विपक्षीय संबंधों के पुनर्निर्माण में लगे हैं जिन्हें अमेरिका की पिछली सरकार ने बुरी तरह से बिगाड़ दिया था।
पेस्कोव ने कहा, जहां तक यूक्रेन का सवाल है तो वहां के लिए बातचीत जारी है। वहां का मसला जटिल है और उस पर सहमति बनाने में समय लगेगा। पुतिन और ट्रंप की टेलीफोन वार्ता की संभावना पर प्रवक्ता ने कहा, जरूरत पड़ने पर उसकी तत्काल व्यवस्था हो जाएगी लेकिन इस सप्ताह दोनों नेताओं के बीच वार्ता प्रस्तावित नहीं है।
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