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    जी20 समिट में 'नई दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र' को रूस ने बताया 'संतुलित', यूक्रेन ने क्या दी प्रतिक्रिया?

    रूस ने G20 लीडर्स घोषणा पत्र ( New Delhi G20 Declaration) को संतुलित बताया है। समूह ने शनिवार को नई दिल्ली में की गई एक सर्वसम्मति घोषणा को अपनाया और किसी भी क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए बल का उपयोग नहीं करने का आह्वान किया गया। स्वेतलाना लुकाश ने कहा यह मंच के लगभग बीस साल के इतिहास में सबसे कठिन जी 20 शिखर सम्मेलन में से एक था।

    By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 10 Sep 2023 11:39 AM (IST)
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    जी20 समिट में 'नई दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र' को रूस ने बताया 'संतुलित' (Image: Reuters)

    नई दिल्ली, एजेंसी। नई दिल्ली G20 लीडर्स घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (9 सितंबर) को इसकी घोषणा की। अमेरिका सहित रूस ने इस घोषणा की प्रशंसा की है। रूस ने इस घोषणा पत्र को संतुलित बताया है।

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    यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की निंदा करने से परहेज किया गया। समूह ने शनिवार को नई दिल्ली में की गई एक सर्वसम्मति घोषणा को अपनाया और किसी भी क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए बल का उपयोग नहीं करने का आह्वान किया गया।

    रूस का क्या कहना है?

    रूसी समाचार एजेंसी इंटरफैक्स के हवाले से सरकारी वार्ताकार स्वेतलाना लुकाश ने कहा, 'यूक्रेन मुद्दे पर बहुत कठिन बातचीत हुई। सबसे पहले ब्रिक्स देशों और साझेदारों की सामूहिक स्थिति ने काम किया। सब कुछ संतुलित रूप में परिलक्षित हुआ।' आपको बता दें कि ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं।

    बीस साल के इतिहास में सबसे कठिन जी20 शिखर सम्मेलन

    स्वेतलाना लुकाश ने कहा, 'यह मंच के लगभग बीस साल के इतिहास में सबसे कठिन जी20 शिखर सम्मेलन में से एक था। शिखर सम्मेलन से पहले घोषणा पर सहमति बनने में लगभग 20 दिन लग गए। उन्होंने आगे कहा कि

    यह न केवल यूक्रेन विषय को लेकर था, बल्कि सभी प्रमुख मुद्दों पर स्थिति में मतभेदों के कारण भी था। मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन और कम कार्बन ऊर्जा प्रणालियों में संक्रमण के मुद्दे सबसे अहम बने हुए थे।'

    यूक्रेन ने क्या दी प्रतिक्रिया?

    यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि रविवार को जी20 नेताओं की घोषणा पर अंतिम क्षण तक चर्चा चलती रही और आम सहमति बनने से पहले यूक्रेन युद्ध सबसे विवादास्पद मुद्दा रहा था। अधिकारी ने भारत के मजबूत नेतृत्व की सराहना की और कहा कि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ने भी वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लेने वालों में से हैं, जिन्होंने पश्चिम के साथ वैश्विक दक्षिण के हितों को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की मांग की है। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली घोषणापत्र में 'गर्व करने लायक कुछ भी नहीं' है।

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