Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    किसी भी डिफेंस सिस्टम को दे सकती है चकमा, न्यूक्लियर एनर्जी से ऑपरेट... क्या है रूस की बुरेवेस्टनिक मिसाइल?

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 03:12 PM (IST)

    रूस ने अपनी परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। राष्ट्रपति पुतिन ने इसे अद्वितीय हथियार बताते हुए कहा कि यह किसी भी रक्षा प्रणाली को चकमा दे सकती है। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने 14,000 किलोमीटर की दूरी तय की। रूस का दावा है कि यह मिसाइल अमेरिकी और नाटो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को बायपास करने में सक्षम है।

    Hero Image

    परमाणु ऊर्जा से चलने वाली बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल रूस ने की लॉन्च।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस ने अपनी न्यूक्लियर पावर वाली बुरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल का सफल टेस्ट किया है। यह एक न्यूक्लियर हथियार है जिसके बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि यह किसी भी डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है। पुतिन ने कहा कि देश अब मिसाइल को तैनात करने की दिशा में आगे बढ़ेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    21 अक्टूबर को किया गया यह टेस्ट एक न्यूक्लियर ड्रिल के साथ हुआ और इसे इस बात का सिग्नल माना गया कि मॉस्को यूक्रेन में युद्ध को लेकर पश्चिम के दबाव के आगे कभी नहीं झुकेगा। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने लगभग 14,000 किलोमीटर (8,700 मील) की लंबी दूरी तय की और परीक्षण के दौरान लगभग 15 घंटे तक हवा में रही।

    'दुनिया में किसी के पास नहीं ऐसा हथियार'

    रविवार को क्रेमलिन की तरफ़ से जारी बयान के मुताबिक, यूक्रेन में युद्ध की देखरेख कर रहे जनरलों के साथ मीटिंग के दौरान कैमोफ़्लाज फ़ीट पहने पुतिन ने कहा, “यह एक अनोखा हथियार है जो दुनिया में किसी और के पास नहीं है।” 2018 में 9M730 बुरेवेस्टनिक को पहली बार दिखाने के बाद से, पुतिन ने इसे अमेरिका के मिसाइल डिफेंस प्रोग्राम पर मॉस्को का जवाब बताया है।

    ब्यूरेवेस्टनिक क्रूज मिसाइल क्या है?

    9M730 ब्यूरेवेस्टनिक या स्टॉर्म पेट्रेल एक न्यूक्लियर पावर्ड, न्यूक्लियर-कैपेबल क्रूज मिसाइल है जिसे रूस ने पहली बार 2018 में दिखाया था। कहा जाता है कि इसकी रेंज अनलिमिटेड है और इसकी अप्रत्याशित उड़ान भरने की क्षमता है, जिससे इसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाता है।

    नाटो ने इसे SSC-X-9 स्काईफॉल नाम दिया है। रूस का कहना है कि इस मिसाइल को अमेरिका और नाटो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को बायपास करने और उसके स्ट्रेटेजिक हथियारों के जखीरे में एक अहम रुकावट के तौर पर काम करने के लिए बनाया गया था।

    यह भी पढ़ें: ट्रंप-चिनफिंग के बीच ट्रेड पर सहमति बनी तो पुतिन दिखा रहे अनलिमिटेड रेंज वाली न्यूक्लियर मिसाइल, क्या है मामला?