Israel Iran Conflict: 'अगर जरूरत पड़ी तो...', ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद क्या ट्रंप से बात करेंगे पुतिन; रूस ने दिया ये जवाब
Iran Israel Conflict: अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर बमबारी की, जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने सफल बताया। रूस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुतिन की ट्रंप से तत्काल बात करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर कॉल की जा सकती है। अमेरिका का लक्ष्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकना है, और उसने जवाबी हमले पर गंभीर परिणाम की चेतावनी दी है। हालांकि, रूस के पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव का मानना है कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा क्योंकि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान नहीं हुआ है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन एवं अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप। (फाइल फोटो, पीटीआई)
पीटीआई, मॉस्को। Israel Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में रविवार को अमेरिका भी कूद गया। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर बमबारी की। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे एक सफल हमला बताया है।
इस बीच रूस की ओर से एक बड़ी प्रतिक्रिया इस मामले पर सामने आई है। दरअसल, क्रेमलिन ने रविवार को कहा कि ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी बमबारी के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप से तत्काल बात करने की कोई योजना नहीं है।
'जरूरत पड़ने पर कॉल की व्यवस्था की जाएगी'
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर कोई आवश्यकता पड़ती है तो जल्दी से कॉल की व्यवस्था की जा सकती है।
अमेरिका ने ईरान पर किया हवाई हमला
जानकारी दें कि रविवार को ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमलों के बाद ट्रंप और पुतिन के बीच फ़ोन कॉल की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उनकी टिप्पणी आई।
अमेरिका ने रविवार को ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज परमाणु स्थलों पर हमला किया। अमेरिका का उद्देश्य है कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोके। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि अगर ईरान जवाबी हमला करता है तो इसके लिए उसको बारी कीमत चुकानी होगी।
ईरान जारी रखेगा अपना परमाणु कार्यक्रम: रूस
उधर, रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा क्योंकि उनका मानना है कि अमेरिकी हमलों ने उसके महत्वपूर्ण ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाया है।
अपने टेलीग्राम चैनल पर दिमित्री मेदवेदेव ने लिखा कि ईरान में तीन स्थलों पर हमला करके अमेरिकियों ने क्या हासिल किया है? ऐसा लगता है कि परमाणु चक्र के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बिल्कुल भी या थोड़ा भी नुकसान नहीं पहुंचा है।
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