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    'भारत के लिए अब भी रूस नंबर वन विकल्प', कच्चा तेल को लेकर एक्सपर्ट ने किया ये खुलासा

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 02:11 PM (IST)

    अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखा है। सितंबर में आयात में मामूली गिरावट आई पर कुल खरीद का एक तिहाई से अधिक रूस से हुआ। अमेरिका ने इस व्यापार पर अंकुश लगाने का दबाव बनाया है। केप्लर के अनुसार रूसी बैरल भारतीय रिफाइनरों के लिए सबसे किफायती विकल्प बना हुआ है।

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    भारत के लिए अब भी रूस नंबर वन विकल्प

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने के बावजूद भी भारत रूस से कच्चा तेल खरीदने के मामले में पीछे नहीं है। सितंबर में रूस से भारत के कच्चे तेल के आयात में मामूली गिरावट देखने को मिला। लेकिन देश की कुल तेल खरीद का एक तिहाई से अधिक हिस्सा रूस से खरीदा। इसको लेकर चिंतित अमेरिका ने व्यापार पर अंकुश लगाने का दबाव बनाते हुए आरोप लगाया कि रूस यूक्रेन में मास्को के युद्ध प्रयासों का समर्थन करता है।

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    सितंबर में भारत का कच्चा तेल आयात लगभग 4.7 मिलियन बैरल प्रतिदिन था, जो महीने-दर-महीने 2,20,000 बैरल प्रतिदिन अधिक और साल-दर-साल स्थिर रहा। रूस कच्चा तेल आपूर्ति के मामले में नबंर वन स्थिति बनाए रखा। इसका योगदान लगभग 1.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन था - जो 34 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हालांकि, वैश्विक व्यापार विश्लेषण फर्म केप्लर के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, 2025 के पहले आठ महीनों के दौरान आयातित औसत रूसी मात्रा से लगभग 1,60,000 बैरल प्रतिदिन कम था।

    भारत के लिए सबसे अच्छा विकल्प रूस

    केप्लर के प्रमुख रिसर्ज विशेषज्ञ (रिफाइनिंग एवं मॉडलिंग) सुमित रिटोलिया ने कहा कि कच्चे तेल के आयात में गिरावट के बावजूद, रूसी बैरल भारतीय रिफाइनरों के लिए सबसे किफायती फीडस्टॉक विकल्पों में नबंर वन है। क्योंकि इनके उच्च GPW (सकल उत्पाद मूल्य) मार्जिन और विकल्पों की तुलना में छूट मिलती है।

    कौन देश कितना करता आपूर्ती

    इराक भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता था, जहां से लगभग 8,81,115 बैरल प्रतिदिन कच्चा तेल आयात होता था। इसके बाद दूसरे नंबर पर सऊदी अरब था। जहां से 6,03,471 बैरल प्रतिदिन आयात होता रहा। वहीं, संयुक्त अरब अमीरात भी 5,94,152 बैरल प्रतिदिन के साथ दूसरे स्थान पर था। इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका 2,06,667 बैरल प्रतिदिन के साथ भारत का पांचवां सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता रह चुका है।

    यूक्रेन युद्ध के बाद नंबर वन आपूर्तिकर्ता बना रूस

    2022 में यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद रूस भारत का सबसे नंबर वन कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया, जिसने इराक और सऊदी अरब जैसे आपूर्तिकर्ता देशों को पीछे छोड़ दिया। वहीं, कुछ पश्चिमी देशों ने रूसी खरीद से परहेज किया, तो मास्को ने भारी छूट की पेशकश की। इसके चलते भारतीय रिफाइनरों ने खरीद बढ़ा दी और बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सस्ते बैरल हासिल किए। यूक्रेन युद्ध से पहले रूसी तेल का हिस्सा एक प्रतिशत से भी कम था, जो अब बढ़कर 40 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गया है।

    गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार भारतीय आयात पर टैरिफ लगाने की धमकी दी। ताकि भारत पर रूसी तेल खरीद कम करने का दबाव बन सके।

    (समाचार एजेंसी, पीटीआई के इनपुट के साथ)

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