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दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद पहली बार इतने बदले हुए हैं जर्मनी के तेवर, जानें- किस ओर हैं चांसलर ओलाफ के बयानों का संकेत

रूस और यूक्रेन के युद्ध की वजह से यूरोप पर जबरदस्‍त मार पड़ रही है। इसकी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था जर्मनी अब इससे कराह रहा है। इस वजह से जर्मनी की निगाह में रूस यूरोप का सबसे बड़ा शत्रु बन गया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 17 Sep 2022 05:22 PM (IST)Updated: Sat, 17 Sep 2022 05:22 PM (IST)
जर्मनी का सबसे बड़ा शुत्रु बना है रूस

बर्लिन (एजेंसी)। दूसरे विश्‍वयुद्ध में मिली करारी हार के बाद बदला जर्मनी एक बार फिर से बदलाव की राह पर जाने को आतुर दिखाई दे रहा है। दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद जर्मनी का पूरा ध्‍यान अपनी अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार और इसको नई ऊंचाईयों पर ले जाने में लगा था। लेकिन अब जर्मनी का पूरा फोकस देश को यूरोप और विश्‍व की बड़ी सैन्‍य ताकत बनाने पर लगा दिखाई दे रहा है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्‍कोल्‍ज का बयान तो इसी तरफ संकेत दे रहा है। 

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रूस को जर्मनी ने माना यूरोप के लिए सबसे बड़ा खतरा  

जर्मनी के चांसलर ओलाफा स्‍कोल्‍ज ने मास्‍को को यूरोप और अपना सबसे बड़ा खतरा बताते हुए भविष्‍य के लिए अपनी सेनाओं को तैयार रहने को कहा है। उन्‍होंने कहा है कि जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था होने के साथ-साथ एक विशाल और सबसे अधिक आबादी वाला देश भी है। इस लिए जर्मनी को यूरोप की हिफाजत के लिए खुद को एक बड़ी सैन्‍य ताकत बनने के लिए अब तैयार होना होगा। 

आर्मी कांग्रेस को किया संबोधित 

चांसलर ओलाफ ने ये बातें राजधानी बर्लिन में आर्मी कांग्रेस को संबोधित करते हुए कही हैं। उन्‍होंने कहा कि अब जर्मनी अपने महाद्वीप की सुरक्षा का नेतृत्व करने को तैयार है। दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद किसी जर्मनी के चांसलर के भाषणों में इस तरह की बातों का कहा जाना बेहद खास माना जा रहा है। उनका ये भाषण बता रहा है कि अब जर्मनी की सोच बदल रही है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि यूरोप के मध्य में होने की वजह से जर्मनी की सेना को यूरोप की पारंपरिक सुरक्षा का अहम स्तंभ बनना होगा। जर्मनी की सेना को यूरोप की सबसे बेस्ट इक्विप्ड फोर्स बनना ही होगा। 

रूस यूक्रेन युद्ध की मार झेलता जर्मनी 

बता दें कि यूक्रेन-रूस युद्ध का सबसे अधिक असर जर्मनी पर ही पड़ रहा है। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था होने के नाते रूस से आने वाली गैस पर जर्मनी काफी निर्भर है। लेकिन युद्ध के बाद से शुरू हुई गैस की किल्‍लत को देखते हुए जर्मनी को कई तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। जर्मनी समेत पूरे यूरोप को सर्दियों की चिंता सता रही है। जर्मनी गैस के लिए अपने नए विकल्‍प के तौर पर कनाडा की तरफ देख रहा है। हालांकि इसमें भी कई तरह की चुनौतियां हैं। 

सैन्‍य बजट में इजाफा 

रूस के खतरे को देखते हुए ओलाफ ने इस बार जर्मन सेना के बजट में जबरदस्‍त इजाफा भी किया है। जर्मनी की सेना को ड्रोन विमान दिए जा रहे हैं। इसके अलावा हथियारों से उसको सुसज्जित किया जा रहा है। जर्मनी रूस के खिलाफ यूक्रेन को बड़े और घातक हथियार भी दे रहा है। जर्मनी रूस और यूक्रेन के युद्ध को रोकने की कोशिश कई बार कर चुका है लेकिन विफल रहा है। जर्मनी को गैस रोके जाने के बाद उसका सब्र का बांध भी जवाब दे रहा है। यही वजह है कि वो अब रूस को अपना सबसे बड़ा शत्रु मानते हुए भविष्‍य की तैयारी कर रहा है। इसके चलते जर्मनी की सेना को ओलाफ पूरी तरह से अत्‍याधुनिक बनाने की तरफ ध्‍यान दे रहे हैं। 

जर्मनी की सेना को बदलने की कवायद 

ओलाफ ने कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि जर्मन सेना ने ड्रिल और मानवीय राहत कार्यों काफी समय लगा दिया है। अब उसको यूरोप की आजादी की रक्षा करनी है। बता दें कि एक समय में जर्मनी की सेना में पांच लाख जवान थे, जो अब महज 2 लाख रह गए हैं। जर्मनी की सेना लगातार अत्‍याधुनिक हथियारों की कमी का मसला उठाती रही है। लेकिन पहले इस पर कोई ध्‍यान नहीं दिया गया। अब रूस ने जर्मनी को अपनी सोच बदलने पर मजबूर कर दिया है। 

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