क्या होता है फील्ड मार्शल पद जो पाकिस्तान ने आसिम मुनीर को दिया, कब जनरल को दिया जाता है प्रमोशन और कितनी मिलती है सैलरी?
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर (Asim Munir Promotion) को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है। भारत से मिली करारी शिकस्त का पाकिस्तान को यह इनाम क्यों दिया गया यह समझ के परे है। आसिम मुनीर से पहले पाकिस्तान ने सिर्फ जनरल मोहम्मद अयूब खान को ही फील्ड मार्शल बनाया था। आइए पढ़ें कि फील्ड मार्शल का पद कितना अहम है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। युद्ध मैदान में हार के बाद जीत का ढोल बजाना पाकिस्तान की पुरानी आदत रही है। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत भारत ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मौत के घाट उतारा। इसके बाद पाकिस्तान सेना ने बौखलाहट में आकर भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की।
दुश्मन देश ने 8-9 मई की रात को भारत के 36 ठिकानों पर 400 ज्यादा ड्रोन दागे, लेकिन भारतीय एअर डिफेंस सिस्टम ने सभी ड्रोन को नष्ट कर दिया। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को सबक सिखाने का फैसला किया।
भारतीय मिसाइलों और ड्रोनों ने पाकिस्तान के कम से कम आठ एयर फोर्स बेस को तबाह किया, इसके साथ ही साथ कई रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को भी काफी नुकसान पहुंचाया।
भारत की कार्रवाई से पाकिस्तीन सेना की जग हंसाई हो रही है। हालांकि, भारत से मुक्की खाने के बाद भी पाकिस्तान की सेना अपनी पीठ खुद ही थपथपा रही है। मंगलवार को पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर (Asim Munir Promotion) को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है।
भारत से मिली करारी शिकस्त का पाकिस्तान को यह इनाम क्यों दिया गया, यह समझ के परे है। आसिम मुनीर से पहले पाकिस्तान ने सिर्फ जनरल मोहम्मद अयूब खान को ही फील्ड मार्शल बनाया था। अयूब खान को 1959 में यह सम्मान दिया गया था।
हालांकि, आइए जानते हैं कि फील्ड मार्शल का पद कितना अहम होता है।
फील्ड मार्शल का रैंक सामान्य रूप से जनरल के पद से ऊपर होती है। फील्ड मार्शल के यूनिफॉर्म पर पांच सितारे लगे होते है। इसे युद्ध असाधारण सैन्य उपलब्धियों या विशेष परिस्थिति में प्रदान किया जाता है। भारत, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, पाकिस्तान सहित कई देशों में प्रसिद्ध है।
फील्ड मार्शल की शक्तियां
फील्ड मार्शल को आजीवन सैन्य अधिकारी माना जाता है। वह मृत्यु तक इस रैंक के सम्मान और सुविधाओं के हकदार रहते हैं और सेना से ताजीवन वेतन और भत्ता लेते हैं। मुनीर, साल 2027 तक पाकिस्तान का आर्मी चीफ बना रहेगा। पाकिस्तान में मुनीर की ताकत कितनी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने शुरू में ही अपना कार्यकाल तीन की बजाए पांच साल तक के लिए बढ़वा लिया था।
कितनी होगी फील्ड मार्शल मुनीर की सैलरी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनरल मुनीर को हर महीने लगभग 2.5 लाख पाकिस्तानी रुपये वेतन के रूप में मिलते हैं, जो भारतीय रुपये में करीब ₹75,000 होता है।
मुनीर का एहसान चुका रही शहबाज सरकार
एक तरफ जहां पाकिस्तान की आम जनता की मांग है कि आसिम मुनीर को सेना पद से हटाया जाए। वहीं, दूसरी ओर शहबाज सरकार ने उसे ये तोहफा देकर दिखाया कि सरकार मुनीर के साथ खड़ी है। आशंका है कि शहबाज सरकार को डर था कि कहीं आसिम मुनीर देश में तख्तापलट कर सैन्य शासन न लगा दे।
मानना ये भी है कि आसिम मुनीर की मेहरबानी का शहबाज सरकार कर्ज उतार रही है। बता दें कि पाकिस्तान आम चुनाव में पाकिस्तानी सेना ने शहबाज सरकार को सत्ता पर बैठाया था।
भारत में अब तक कितने फील्ड मार्शल बनाए गए?
बात करें भारत की तो भारतीय सेना में फील्ड मार्शल (Field Marshal) सर्वोच्च रैंक है। यह रैंक विशिष्ट सेवा और राष्ट्र के प्रति असाधारण योगदान देने वाले अधिकारी को दी जाती है। यह एक औपचारिक पद है और फील्ड मार्शल आखिरी सांस तक सेवारत अधिकारी माने जाते हैं और उनको जनरल के बराबर सैलरी मिलती रहती है।
फील्ड मार्शल को भी सेना के अन्य उच्च अधिकारियों के तहत ही सुविधाएं मिलती हैं, जिसमें- घर, पेंशन, ट्रांसपोर्ट और मेडिकल जैसी सुविधाएं शामिल होती हैं।
भारत में फील्ड मार्शल रैंक का सम्मान केवल दो लोगों को प्रदान किया गया है। पहली बार 1973 में सैम मानेकशॉ को यह सम्मान दिया गया था। उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाई थी। दूसरी बार 1986 में के.एम. करियप्पा को रिटायरमेंट के बाद यह सम्मान दिया गया था।
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